ब्राजील में 250 मिलियन साल पुराने तेयुजगुआ सर्प के जीवाश्म मिले-(17-MAR-2016) C.A

| Thursday, March 17, 2016
वैज्ञानिको के एक दल ने ब्राज़ील में 250 मिलियन साल पुराने तेयुजगुआ (भयंकर छिपकली) सर्प के जीवाश्म की खोज की. वैज्ञानिकों को इस विशालकाय छिपकली के जीवाश्म दक्षिणी ब्राज़ील के रियो ग्रांडे डो सुल प्रान्त से मिला.
ब्राजील के तीन विश्वविद्यालयों और एक ब्रिटेन के विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों द्वारा खोज किये गए जीवाश्म से डायनासोर से तुरंत पहले के जीवन के बारे में पता चलता है. इस खोज से यह भी पता चलता है कि किस प्रकार डायनासोर, उड़ान सरीसृप (pterosaurs), मगरमच्छ और अन्य पक्षियों जैसे समूह का प्रारंभिक विकास एवं उत्पति हुआ.
इस खोज का प्रकाशन 11 मार्च 2016 को पत्रिका साइंटिस्ट रिपोर्ट (नेचर प्रकाशन समूह) में हुआ था.
तेयुजगुआ सर्प के बारे में
• तेयुजगुआ नाम का उद्गम गुर्रानी जाती की भाषा से हुआ है, जिसका मतलब होता है भंयकर छिपकली. 
• यह एक छोटा सा चौपाया जानवर था और इसकी लंबाई में लगभग 1.5 मीटर तक की वृद्धि हुई.
• इसके मुड़े हुए दांत इस जीव के मांसाहारी होने के संकेत देते है.
• इसके थुथने पर टिके हुए नाक यह संकेत देते है कि यह एक जलीय या अर्ध-जलीय जानवर था.
• यह नदी और झील के तट के पास रहते थे और यह उभयचर प्राणी थे, जो की छिपकली के समान शिकार करते थे.
• इसकी शाररिक संरंचना यह बताती है कि यह आदिम सर्प और आर्चोसौरिफोर्म्स (Archosauriforms) के बीच का जीव था. आर्चोसौरिफोर्म्स (Archosauriforms) सभी विलुप्त डायनासोर और उड़ान सरीसृप (pterosaurs) एवं आधुनिक पक्षियों और मगरमच्छ का समूह था.

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