भारत ने 14 मार्च 2015 को ओडिशा तट के परीक्षण रेंज से परमाणु संपन्न मारक क्षमता वाली स्वदेशी बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-1 का सफल परीक्षण किया. मिसाइल का परीक्षण अब्दुल कलाम द्वीप (व्हीलर द्वीप) पर स्थित इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज के लॉन्च पैड-4 से किया गया.
इससे पहले अग्नि-1 का सफल परीक्षण 27 नवंबर 2015 और 11 सितंबर 2014 को किया गया.
अग्नि-1 मिसाइल रडार, टेलीमेटरी निरीक्षण स्टेशनों और इलेक्ट्रो-ऑप्टिक उपकरणों और युद्धपोतों से जुड़ा होता है जो उसके लक्ष्य भेदने तक उस पर नजर बनाए रखता है. इस स्वदेशी मिसाइल में नेविगेशन प्रणाली का भी इस्तेमाल किया गया है, जिसकी वजह से यह अपने लक्ष्य को सटीकता से भेद सकता है.
अग्नि-1 के बारे में
• यह मिसाइल सतह से सतह पर 700 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है.
• अग्नि-1 का निर्माण डीआरडीओ की प्रमुख मिसाइल विकास प्रयोगशाला, उन्नत प्रणाली प्रयोगशाला और अनुसंधान केंद्र इमारत द्वारा किया गया.
• इस मिसाइल को भारत डायनामिक्स लिमिटेड, हैदराबाद द्वारा एकीकृत किया गया.
• यह सतह से सतह मार करने वाली, एकल चरणीय और ठोस प्रणोदक मिसाइल है.
• इस मिसाइल का भार 12 टन है और यह 15 मीटर लंबी है जो एक टन से अधिक का पेलोड ले जाने में सक्षम है.
• यह मिसाइल सतह से सतह पर 700 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है.
• अग्नि-1 का निर्माण डीआरडीओ की प्रमुख मिसाइल विकास प्रयोगशाला, उन्नत प्रणाली प्रयोगशाला और अनुसंधान केंद्र इमारत द्वारा किया गया.
• इस मिसाइल को भारत डायनामिक्स लिमिटेड, हैदराबाद द्वारा एकीकृत किया गया.
• यह सतह से सतह मार करने वाली, एकल चरणीय और ठोस प्रणोदक मिसाइल है.
• इस मिसाइल का भार 12 टन है और यह 15 मीटर लंबी है जो एक टन से अधिक का पेलोड ले जाने में सक्षम है.
0 comments:
Post a Comment