ब्रिटिश गणितज्ञ सर एंड्रयू विल्स ने एबल मैथ प्राइज़ जीता-(17-MAR-2016) C.A

| Thursday, March 17, 2016
ब्रिटिश गणितज्ञ सर एंड्रयू विल्स ने 15 मार्च 2016 को वर्ष 2016 का एबल प्राइज़ ओस्लो में नार्वे एकेडमी ऑफ़ साइंसेज़ एंड लेटर्स द्वारा दिया गया.

उन्हें यह पुरस्कार सदियों पुराने प्रमेय, फ़रमेट्स लास्ट प्रमेय को सुलझाने पर दिया गया.

क्राउन प्रिंस हाकोन विल्स को मई 2016 में यह पुरस्कार प्रदान करेंगे. 

सर एंड्रयू विल्स  

•    सर एंड्रयू जॉन विल्स ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की रॉयल सोसाइटी में संख्या सिद्धांत के रिसर्च प्रोफेसर हैं. 
•    उनके द्वारा दिए गये फ़रमेट्स लास्ट प्रमेय को विशेष मान्यता दी गयी.
•    उन्होंने वर्ष 1974 में ऑक्सफ़ोर्ड के मरटन कॉलेज से स्नातक उपाधि प्राप्त की एवं 1980 में कैंब्रिज विश्विद्यालय के क्लेयर कॉलेज से पीएचडी डिग्री हासिल की.
•    वर्ष 1985-86 में वे पेरिस के नजदीक इंस्टिट्यूट ऑफ एडवांस्ड वैज्ञानिक अध्ययन में गुग्गेनहैम फेलो थे.   
•    वर्ष 1988 से 1990 में वे ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी में रॉयल सोसाइटी रिसर्च प्रोफेसर रहे. वे वर्ष 2011 में रॉयल सोसाइटी के साथ रिसर्च प्रोफेसर के रूप में फिर से जुड़े.
फ़रमेट्स लास्ट प्रमेय

•    संख्या सिद्धांत में, फ़रमेट्स लास्ट प्रमेय के अनुसार कोई भी तीन सकारात्मक पूर्ण संख्याएं ए, बी, और सी समीकरण an + bn = cn को दोनों संख्याओं से एन के मूल्य अधिक होने पर संतुष्ट नहीं कर सकतीं. उदाहरण के लिए, n = 1 और n = 2 को प्राचीन समय से ही कई समाधानों के लिए जाना जाता है.
•    इस प्रमेय का सबसे पहले उपयोग पियरे डी फरमेट ने 1637 में किया.
•    इस प्रमेय को सुलझाये जाने का पहला प्रमाण एंड्रयू विल्स ने 1994 में दिया. इसे अधिकारिक रूप से 1995 में प्रकाशित किया गया.
•    यह गणित के सबसे प्रसिद्ध प्रमेय में से एक है जिसे इसे सुलझाये जाने से पहले यह सबसे कठिन प्रमेय के रूप में गिनीज़ बुक ऑफ़ वर्ल्ड रिकार्ड्स में दर्ज किया गया.
     
एबल प्राइज़
•    यह नॉर्वे द्वारा दिया जाने वाला वार्षिक पुरस्कार है जिसे किसी एक अथवा एक से अधिक गणितज्ञ को गणित में अभूतपूर्व कार्य प्रदर्शन के कारण प्रदान किया जाता है.
•    इसका नाम नॉर्वे के गणितज्ञ नेल्स हेनरिक एबल के नाम पर रखा गया.
•    इसकी शुरुआत वर्ष 2001 में नॉर्वे सरकार द्वारा की गयी.
•    इसमें पुरस्कार स्वरुप 6 मिलियन नॉर्वे क्रोनर दिए जाते हैं. 
•    इसे गणित का नोबल पुरस्कार भी कहा जाता है.
•    वर्ष 2015 में जॉन एफ नार्श एवं लुइस निरेनबर्ग को यह पुरस्कार दिया गया.

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