चीन ने 3 अगस्त 2014 को अगली
पीढ़ी का अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिकमिसाइल– आईसीबीएम
डॉन्गफेंग–41 (डीएफ– 41) पेश किया. कुल
12000 किलोमीटर से 15000 किलोमीटर की
मारक क्षमता वाली यह मिसाइल दुनिया की सबसे अधिक दूरी तक मार कर सकने वाली
मिसाइलों की श्रेणी में आती है.
अपनी लंबी दूरी की मारक क्षमता के साथ डीएफ–41,
13000 किलोमीटर की मारक क्षमता वाले अमेरिकी रॉकेट मिनटमैन या रूसी
आरएस– 24 एम यार्स, के जैसी क्षमताओं वाली
ही है.
डीएफ– 41 मिसाइल एक परमाणु
ठोस इंधन रोड मोबाइल अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसालइल है और इस हथियार का निर्माण
शक्ति संतुलन के लिए किया गया है. इसके अलावा अनुमान लगाया जा रहा है कि डीएफ–
41 मिसाइल तीन परमाणु हथियारों को ले जाने में सक्षम है.
डीएफ–41 मिसाइल का डिजाइन
में नाटकीय रूप से सटीकता का सुधार किया गया है जिसके बाद छोटे– से– छोटे लक्ष्य को भी सफलतापूर्वक हासिल किया जा
सकेगा. माना जा रहा है कि सेटेलाइट लांचिंग और रिवरी टेक्नोलॉजीज में महारथ हासिल
कनरे के बाद इससे विश्व में किसी भी स्थान पर हथियार भेजा जा सकता है.
डीएफ–41 अमेरिका के भीतर
के लक्ष्य को 20–25 मिनट में भेद सकता है और यह एक हजार
किलोमीटर की दूरी पर आरोही करने में सक्षम है जो कि अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन
के पृथ्वी घूर्णन का दुगना है. यहडीएफ– 41 को हवा में बेधने
में अधिक चुनौतीपूर्ण बनाता है.
चीन का परमाणु उपकरणों का पहले इस्तेमान नहीं करने की
नीति के मुताबिक, नई मिसालों का विकास देश की सुरक्षा के
लिए सैन्य संतुलन बनाना है न कि आधिपत्य हासिल करना.
अंतर– महाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइलों (आईसीबीएम) के बारे में
न्यूनतम 5500 किलोमीटर
की दूरी तक मारक क्षमता के साथ आईसीबीएम जमीन से वार करने वाला बैलिस्टिक मिसाइल
है जिसे परमाणु हथियारों की डिलीवरी के लिए डिजाइन किया जाता है. इसके ज्यादातर
डिजाइन मल्टपल इंडीपेंडेंटली टार्गेटेबल री– इंट्री वेहकिल
(एमआईआरवी) को सपोर्ट करते हैं जिससे एक ही मिसाइल एक समय पर अलग– अलग लक्ष्यों वाले कई हथियार ले जा सकता है.
इस रेंज की मिसाइलें फिलहाल अमेरिका, रूस और चीन के ही पास हैं. पहला आईसीबीएम का विकास सोवित संघ ने 1958
में किया था, इसके अगले साल अमेरिका ने ऐसी
मिसाइल तैयार कर ली और चीन को यह मिसाइल तैयार करने में और 20 साल लग गए.
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