संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी उच्चायुक्त (यूएनएचआरसी) ने 19 अगस्त 2014 को अब तक के सबसे बड़े मानवीय राहत और
सहायता अभियानों में से एक का शुभारंभ किया. ये अभियान आंतरिक तौर पर विस्थापित
पांच लाख इराकियों की मदद के लिए शुरु किया गया है जो इराक में दो माह तक चली
हिंसा की वजह से अपने घरों को छोड़कर चले गए थे. अभियान का उद्देश्य इलाके में
रहने वाले लोगों के जीवन स्तर में सुधार लाना है.
स्थानीय विस्थापित इराकी कुर्दिश राजधानी इर्बिल चले गए
जो कि अब करीब दो लाख लोगों का घर बन चुका है. फिलहाल, दूहोक औऱ इर्बिल प्रशासन में विस्थापितों के लिए आठ शिविर लगाए गए हैं और
अभी चार से छह राहत शिविर लगाए जाने की योजना है.
अपने अभियान में यूएनएचआरसी की योजना अगले चार दिनों तक चलने वाली
विस्तृत हवाई, सड़क और समुद्र आपरेशन है. योजना के तहत,
बोइंग 747 जॉर्डन के अकाबा से राहत सामग्री
लेकर उत्तरी इराक के इर्बिल जाएगा. अगले दस दिनों में तुर्की और जॉर्डन से सड़क
मार्ग द्वारा और दुबई से इरान के रास्ते समुद्र एवं
जमीन लदान के जरिए राहत सामग्री भेजी जाएगी.
अंतरराष्ट्रीय मानवीय भागीदारी की आपूर्ति को डेनमार्क, इस्टोनिया, जर्मनी, नॉर्वे,
स्वीडन और यूनाइटेड किंग्डम का समर्थन मिलेगा.
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