कैबिनेट समिति ने एमसीए में संशोधन का अधिकार सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय को दिया-(31-AUG-2014) C.A

| Sunday, August 31, 2014
आर्थिक मामलों से संबंधित कैबिनेट समिति ने 27 अगस्त 2014 को मॉडल कनसेशन समझौते में संशोधन का अधिकार सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय को दे दिया.

सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय अब निम्नलिखित निर्णय ले सकता है-
1. परियोजनाओं की डिलीवरी का मोड
2. परियोजनाओं की आर्थिक स्थिति एवं लाभप्रदता के आधार पर अवार्ड के तरीकों का चयन जैसे पीपीपी रूट बीओटी (टोल) अथवा बीओटी (एन्युटि) अथवा ईपीसी मॉडल
3. छोटे डेवलपरों को हिस्सा बेचने की अनुमति
4. प्रोजैक्ट की रिकवरी के लिए नौकरशाह के स्तर पर प्रीमियम पुर्निर्धारण का निर्णय
कैबिनैट सचिव की अध्यक्षता वाली समिति एमसीए में संशोधन करने अथवा ना करने का निर्णय लेगी.
इस निर्णय के पीछे कारण
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय को समय अनुबंध देने में कई कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा था. परियोजना की डिलीवरी के मोड को जानने में अड़चनें आ रही था. इस निर्णय से परियोजनाओं के क्रियान्वयन में तेजी आएगी और परियोजना को अधर में लटकने से बचाया जा सकेगा.
वर्ष 2013 में राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण को 9,500 किलोमीटर सड़क का निर्माण कराना था परंतु, केवल 1,116 किलोमीटर सड़कों के ही अनुबंध हो सके. वर्ष 2014 में लक्षित 4,030 किलोमीटर की सड़क के मुकाबले केवल 1,436 किलोमीटर की सड़कों के ही अनुबंध हो सके.
इससे पहले सड़क परियोजनाओं के दस्तावेजों में संशोधन का निर्णय एक अंतर-मंत्रालयी समूह करता था. परियोजना के बाधित होने की दशा में मामला केंद्रीय कैबिनैट समिति के समक्ष रखी जाती थी जिससे परियोजनाओं की डिलीवरी में देरी होती था.

मॉडल कनसेशन समझौता (एमसीए)
भारत में सरकारी-निजी साझेदारी(पीपीपी) परियोजनाओं का आधार एमसीए है. एमसीए एक वैधानिक अनुबंध है जिसमें सड़क परियोजनाओं के क्रियान्वयन से संबंधित नियम एवं शर्तों का उल्लेख है. पीपीपी परियोजना के क्रियान्वयन के लिए इसमें नीतियाँ एवं नियामक हैं.
एमसीए राष्ट्रीय राजमार्गों, राज्यमार्गों, शहरी रेल ट्रांजिट व्यवस्था एवं बंहरगाहों जैसे क्षेत्रों के लिए उपलब्ध है.


0 comments:

Post a Comment