डिजिटल इंडिया प्रोग्राम क्या देश में सूचना एवं संचार में क्रांति लाएगा?-(22-AUG-2014) C.A

| Friday, August 22, 2014
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने डिजिटल इंडिया कार्यक्रम को 20 अगस्त 2014 को मंजूरी प्रदान की जो निश्चित रूप से देश को डिजिटल रूप से सशक्त बनाएगा और ज्ञान अर्थव्यवस्था में बदलाव लाएगा. इस कार्यक्रम को चरणबद्ध तरीके से मौजूदा वर्ष से लेकर 2018 तक क्रियान्वित किया जाएगा.
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम पहले से चल रहे राष्ट्रीय ई गवर्नेंस प्लान का ही रूपांतरित संस्करण है परन्तु इसमें अधिक व्यापकता और पारदर्शिता है.
 
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम की प्रकृति रूपांतरकारी है. डिजिटल इंडिया कार्यक्रम आईसीटी ढांचे का निर्माण करेगा. इससे ग्राम पंचायत स्तर पर उच्च गति (हाई स्पीड) इंटरनेट उपलब्ध कराया जा सकेगा. डिजिटल माध्यम से साक्षरता के द्वारा नागरिकों को सशक्त बनाया जा सकेगा. स्वास्थ्य, शिक्षा आदि जैसी सरकारी सेवाएं मांग के अनुरूप आसानी से उपलब्ध कराई जा सकेंगीं.
 
इससे सरकारी सेवाएं नागरिकों को इलेक्ट्रानिक माध्यम से आसानी से तो उपलब्ध हों सकेंगीं और लोगों को नवीनतम सूचना व संचार प्रौद्योगिकी का लाभ भी मिलेगा परन्तु वहीं इन सभी चीजों को प्राप्त करने के लिए इलेक्ट्रानिक और मूलभूत साधनों की भी जरूरत होगी. इनके बिना यह सभी सूचनाएं एवं सेवाएं कल्पना ही रह जाएंगीं.
 
सरकार के हर कोने को छूने वाले इस वृहद कार्यक्रम को लेकर सभी मंत्रालयों को संवेदनशील बनाया जाएगा.

तीव्रतम और नवीनतम सूचनाएं एवं सेवाएँ विकास को गति तो प्रदान करती हैं, परन्तु इन तकनीकों को सुचारु रूप से क्रियान्वित करने के लिए तटस्थ साधनों की भी जरूरत होती है. 

यद्यपि इस कार्यक्रम की निगरानी हेतु प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में समिति के गठन का प्रावधान है.
   
इस परियोजना के तहत विकास के क्षेत्रों के तौर पर चिह्नित 9 स्तंभों पर जोर देने का लक्ष्य है. इन स्तंभों में ब्राडबैंड राजमार्ग, हर जगह मोबाइल कनेक्टिविटी, सार्वजनिक इंटरनेट एक्सेस कार्यक्रम, ई गवर्नेंस, ई क्रांति, सभी के लिए सूचना, इलेक्ट्रानिक्स विनिर्माण, नौकरियों के लिए आईटी आदि शामिल हैं.
 
डिजिटल इंडिया कार्यक्रम निःसंदेह एक सराहनीय कार्य है. परन्तु गत सरकारों ने भी कुछ इसी तरह के कार्यक्रमों की घोषणा की गई थी जो कि मात्र घोषणा ही रह गई. उनका समुचित क्रियान्वयन आज तक नहीं हो पाया. इसलिए जरूरी है घोषणाओं के साथ उनका लागू किया जाना.


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