विश्व प्रसिद्ध योग गुरु बेल्लूर कृष्णमाचार सुंदरराजा अयंगर का
गुर्दे फेल होने की वजह से 20 अगस्त 2014 को पुणे स्थित अस्पताल में 96 वर्ष की उम्र में निधन
हो गया.
योग के प्रख्यात प्रतिपादक अयंगर ने प्राचीन पतंजलि सूत्र
को प्रसारित किया. उन्हें योग को करीब 60 देशों
में प्रचारित प्रसारित करने का श्रेय जाता है. वह योग का संदेश लेकर पूर्व से
पश्चिम तक गए.
योग गुरू बीकेएस अयंगर के
बारे में
प्रसिद्ध योग गुरु बीकेएस अयंगर का जन्म कर्नाटक के
बेल्लूर में वर्ष 1918 में एक गरीब परिवार हुआ था. आयंगर
तिरुमलाई कृष्णामचार्य के छात्रों में से एक थे जिन्हें आधुनिक योग के पिता के रूप
में जाना जाता है.
अयंगर योग के संस्थापक
अयंगर को आयंगर योग शैली का स्थापक और दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण योग शिक्षकों में से एक माना जाता है. उन्हें अष्टांग योग के आठ पहलुओं को एकीकृत करने का श्रेय दिया जाता है.
आयंगर ने वर्ष 1975 में योगविद्या नाम से अपना संस्थान शुरू किया जिसकी बाद में देश विदेश में कई शाखाएं खोली गयीं.
अयंगर को आयंगर योग शैली का स्थापक और दुनिया में सबसे महत्वपूर्ण योग शिक्षकों में से एक माना जाता है. उन्हें अष्टांग योग के आठ पहलुओं को एकीकृत करने का श्रेय दिया जाता है.
आयंगर ने वर्ष 1975 में योगविद्या नाम से अपना संस्थान शुरू किया जिसकी बाद में देश विदेश में कई शाखाएं खोली गयीं.
लेखक के रूप में
अयंगर ने योग के दर्शन पर 14 किताबें भी लिखी थीं, जिनमें लाइट आन योग, लाइट आन प्रणायाम और लाइट आन दी योग सूत्राज आफ पतंजलि शामिल हैं जिनका 17 भाषाओं में अनुवाद किया गया.
अयंगर ने योग के दर्शन पर 14 किताबें भी लिखी थीं, जिनमें लाइट आन योग, लाइट आन प्रणायाम और लाइट आन दी योग सूत्राज आफ पतंजलि शामिल हैं जिनका 17 भाषाओं में अनुवाद किया गया.
पुरस्कार
अयंगर को वर्ष 1991 में
पद्मश्री, वर्ष 2002 में पद्मभूषण और
वर्ष 2014 में पद्मविभूषण से नवाजा गया था.
अयंगर को वर्ष 2004 में टाइम्स पत्रिका द्वारा दुनिया के 100 प्रभावशाली लोगों में शामिल किया गया था.
अयंगर को वर्ष 2004 में टाइम्स पत्रिका द्वारा दुनिया के 100 प्रभावशाली लोगों में शामिल किया गया था.
आयंगर के शिष्य
उन्होंने समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण, प्रसिद्ध दार्शनिक जे कृष्णमूर्ति तथा विश्व विख्यात वायलिन वादक येहूदी मेनहुइन को भी योग सिखाया.
उन्होंने समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण, प्रसिद्ध दार्शनिक जे कृष्णमूर्ति तथा विश्व विख्यात वायलिन वादक येहूदी मेनहुइन को भी योग सिखाया.
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