अमेजन की ड्रोन या मानव रहित हवाई वाहन के जरिए पैकेज भेजने की योजना
का पहला लांच– पैड भारत हो सकता है. अमेरिका की ई–
रीटेलर अमेजन ने मुंबई और बैंगलोर– दो शहर
जहां उसका वेयरहाउस है, में ड्रोन डिलिवरी सेवाएं शुरु
करेगा. सेवाओं के दिवाली 2014 तक शुरु होने की उम्मीद है.
दिसंबर 2013 में अमेजन ने अपना प्रमुख हवाई ड्रोन
दुनिया के सामने पेश किया था. अमेजन का यह प्रमुख हावई ड्रोन एक ऑक्टोकॉप्टर है
जिसमें आठ रोटर लगे हैं. इसका वजह 25 किलोग्राम है और यह 80
किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से यात्रा कर सकता है एवं 2.26
किलो वजह ले जा सकता है.
भारत के संदर्भ में ड्रोन
के इस्तेमाल की वैधता की अवधारणा पर उठाए गए सवाल
भारत में ड्रोन के इस्तेमाल पर नागरिक उड्डयन महानिदेशालय
(डीजीसीए) ने अभी तक कोई नियम नहीं बनाया है. इसलिए अभी तक ड्रोनों के व्यवसायिक
इस्तेमाल के लिए कोई संबंधित स्पष्ट कानूनी नियम नहीं है. डीजीसीए भारत में उड़ान
योग्यता मानकों के कार्यान्वयन, नियंत्रण और
पर्यवेक्षण के लिए जिम्मेदार संस्थान है.
इससे पहले मुंबई में इस प्रकार की डिलीवरी सेवा मुंबई में
एक पिज्जा आउटलेट ने शुरु की थी. यह आउटलेट इसके जरिए दो किलोमीटर के दायरे में
पिज्जा की डिलीवरी किया करता है. लेकिन डिलिवरी
के इस प्रक्रिया की शिकायत मुंबई पुलिस ने की. अपनी शिकायत में मुंबई पुलिस ने कहा
कि पिज्जा आउटलेट वालों ने डिलीवरी प्रक्रिया के लिए किसी प्रकार की अनुमति क्यों
नहीं ली.
देश में ड्रोन के
इस्तेमाल से खतरे
मानव रहित ये ड्रोन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से खतरा
हैं क्योंकि इसका इस्तेमाल अपराधी या आतंकवादी विनाश उपकरण के तौर पर कर सकते हैं.
इस खतरे की मुख्य वजह 22/11 को हुए मुंबई आंतकवादी हमलों के
संचालकों में से एअबु जिंदल (उर्फ जाबिउद्दीन अंसारी) ने पुलिस को बताया था कि
आंतकवादियों की योजना सूची में शहर पर हवाई हमला भी है.
अमेरिका की बजाए भारत को
ड्रोन डिलीवरी का पहला लांच पैड बनाने की अमेजन को प्रेरित करने वाला कारण
अमेरिका में ड्रोन का व्यावसायिक इस्तेमाल गैरकानूनी है
और अमेजन के पिछले वर्ष की योजना को अमेरिका के फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन
(एफएए) ने गैरकानूनी करार देते हुए खारिज कर दिया था. एफएए अमेरिकी विमानन का
राष्ट्रीय प्राधिकरण है. संभव है, इसी कारण अमेजन ने
अपने पैकेजों की ड्रोन डिलीवरी के लिए भारत को चुना.
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