केंद्र सरकार ने 17 हजार करोड़ रूपये के रक्षा सौदे को मंजूरी प्रदान की-(31-AUG-2014) C.A

| Sunday, August 31, 2014
केंद्र सरकार ने 17 हजार करोड़ रूपये के रक्षा खरीद प्रस्तावों को मंजूरी प्रदान की. रक्षा मंत्री अरूण जेटली की अगुआई वाली शीर्ष रक्षा खरीदारी परिषदने इस प्रस्ताव को 29 अगस्त 2014 को मंजूरी दी. इस रक्षा सौदे का मुख्य उद्देश्य सेना, नौसेना और वायु सेना को नये एवं उन्नत हथियारों एवं युद्ध सामग्री से लैस करना है.
जिन रक्षा प्रस्तावों को मंजूरी दी गई उनमें 118 अर्जुन, मार्क-2 टैंकों की खरीदारी, वायु सेना के लिए शिनूक और अपाचे हेलीकाप्टरों, नौसेना के लिए 16 मल्टीरोल हेलीकाप्टरों, पनडुब्बी मारक युद्ध प्रणालियों, पनडुब्बियों की आयु सीमा बढ़ाने के कार्यक्रम और सेना के लिए अत्याधुनिक संचार उपकरणों की खरीदारी भी शामिल है. इसके साथ ही साथ देश के रक्षा उद्योग को मजबूती देने वाले एक महत्वपूर्ण निर्णय में रक्षा खरीदारी परिषदने करीब 3000 करोड़ रूपये की लागत से खरीदे जाने वाले 197 हेलीकाप्टरों के सौदे का प्रस्ताव खारिज कर दिया और इन हेलीकाप्टरों को बाहरी टेक्रोलाजी की मदद से भारत में ही बनाने का निर्णय लिया गया. परिषद के इस निर्णय से देश के रक्षा उद्योग में 40 हजार करोड़ रूपये के नए अवसर पैदा होने की संभावना है.
रक्षा सौदे के मंजूरी के तहत, नौसेना के लिए 17 अरब 70 करोड़ रूपये की लागत से एंटी सबमरीन वारफेयर सिस्टम हासिल करने के प्रस्ताव को रक्षा खरीदारी परिषद् की हरी झंडी मिल गई, जिसके तहत भारतीय नौसेना एकीकृत पनडुब्बी रोधी युद्धक प्रणाली से लैस होगी. ये प्रणालियां नौसेना के 11 जंगी पोतों पर लगाई जाएंगी. जिनमें प्रोजेक्ट 17 अल्फा के सात और प्रोजेक्ट 15 बी के चार पोत शामिल हैं.  नौसेना के पनडुब्बी बेडे में नई जान फूंकने के लिए परिषद् ने 48अरब रूपये की लागत से छह पनडुब्बियों को उन्नत बनाने का प्रस्ताव को भी मंजूरी प्रदान की. इसके साथ ही साथ नौसेना के लिए 16 मल्टीरोल हेलीकाप्टरों के खरीद प्रस्ताव को भी मंजूरी मिली. ये हेलीकाप्टर  800 करोड रूपये की लागत से खरीदे जाएंगे.
वायु सेना के लिए करीब ढाई अरब अमेरिकी डालर मूल्य की 15 हैवी लिफ्ट शिनूकहेलीकाप्टरों और 22 अपाचे अटैक हेलीकाप्टरों की खरीदारी को मंजूरी दी गई. सेना के लिए 6600 करोड़ रूपये की लागत से अर्जुन मार्क-2 टैंकों की खरीदारी और 820 करोड़ रूपये की लागत से अर्जुन टैंकों पर लगाए जाने वाली 40 सेल्फ प्रोपेल्ड तोपों के विकास के प्रस्ताव को भी स्वीकार किया गया. सेना की तीन, चार और 14 कोर के लिए 900 करोड़ रूपये की लागत से संचार उपकरणों की खरीदारी के प्रस्ताव को भी परिषद ने मंजूर किया.


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