वर्ष 2014 के द्रोणाचार्य पुरस्कार हेतु 11
अगस्त 2014 को पांच खेल प्रशिक्षकों के नाम की
सिफारिश ‘द्रोणाचार्य पुरस्कार चयन समिति’ द्वारा की गई. इसमें मुक्केबाजी के प्रशिक्षक जी मनोहरन, रोइंग के जोस जेकब, कुश्ती के महावीर प्रसाद,
एथलेटिक्स प्रशिक्षक एन लिंगप्पा, जूडो के
प्रशिक्षक गुरचरण सिंह गोगी के नाम शामिल है. चयन समिति की अध्यक्षता भारत के
पूर्व हाँकी कप्तान अजितपाल सिंह ने की.
द्रोणाचार्य पुरस्कार हेतु चयनित पांच खेल प्रशिक्षकों में कुश्ती के
महावीर प्रसाद को मौजूदा प्रदर्शन (2010-2013) के आधार पर चुना गया है जबकि अन्य चार को ‘लाइफटाइम
अचीवमेंट वर्ग’ में शामिल किया गया. गुरचरण सिंह गोगी के रूप
में पहली बार जूडो के किसी प्रशिक्षक को द्रोणाचार्य पुरस्कार हेतु चयनित किया
गया. उनके नाम की सिफारिश दो दशक से भी अधिक समय के प्रशिक्षक करियर के दौरान कई
अंतरराष्ट्रीय जुडोका तैयार करने के लिए की गई. मुक्केबाजी के प्रशिक्षक जी मनोहरन
के नाम की सिफारिश लंबे समय तक कोचिंग से जुड़े रहने के बाद की गई. वह पिछले 26
वर्ष से जूनियर मुक्केबाजों को ट्रेनिंग देते रहे हैं. सीनियर स्तर
पर दम दिखाने वाले शिव थापा, सुमित सांगवान और विकास कृष्णन
जूनियर मुक्केबाजों के रूप में मनोहरन से कोचिंग ले चुके हैं. थापा और सुमित ने
युवा ओलंपिक और एशियाई जूनियर चैम्पियनशिप में वर्ष 2010 में
मनोहरन के मार्गदर्शन में रजत पदक जीते थे. ओडिशा के रहने वाले जेकब ने अपने
कोचिंग करियर के दौरान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक विजेता 20 खिलाड़ी
तैयार किए हैं. उनके मार्गदर्शन में ओडिशा ने रिकार्ड 13 बार
राष्ट्रीय रोइंग चैम्पियनशिप में टीम चैम्पियनशिप जीती.
विदित हो कि खेल प्रशिक्षकों (कोच) को दिए जाने वाले ‘द्रोणाचार्य पुरस्कार’ की शुरुआत वर्ष 1985 में हुई. इस पुरस्कार में सम्मान पट्टिका के अलावा पांच लाख रूपये दिए
जाते हैं. इन पुरस्कारों की शुरुआत के बाद से अब तक कुल 85 खेल
प्रशिक्षकों (मुक्केबाजी कोच क्यूबा बीआई फर्नांडिज भी शामिल) को यह पुरस्कार दिया
जा चुका है. वर्ष 2014 के द्रोणाचार्य पुरस्कार समिति में
मोनालिसा मेहता (टेबल टेनिस), भुवनेश्वरी कुमारी (स्क्वाश),
इबोमचा सिंह (मुक्केबाजी), शारदा उगरा (खेल
पत्रकार), मनोज यादव (सचिव, अखिल
भारतीय पुलिस खेल नियंत्रण बोर्ड), आर डी सिंह, जिजी थामसन, ओंकार केडिया, सुशील
दोषी (कमेंटेटर) और श्याम राव (वालीबाल) शामिल थे.
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