फैसलाबाद के कृषि विश्वविद्यालय ने एम.एस. स्वामीनाथन को मानद उपाधि से सम्मानित किया-(23-AUG-2014) C.A

| Saturday, August 23, 2014
प्रख्यात कृषि वैज्ञानिक एम.एस. स्वामीनाथन को फैसलाबाद के कृषि विश्वविद्यालय, पाकिस्तान द्वारा डॉक्टर ऑफ साइंस की मानद उपाधि से 21 अगस्त 2014 को सम्मानित किया गया.
स्वामीनाथन को कृषि शोध और संयंत्र प्रजनन, आनुवंशिकी, जैव विविधता और पारिस्थितिकी अध्ययन के संबद्ध क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए सम्मानित किया गया.
मानद उपाधि प्राप्त करने वाले डॉ स्वामीनाथन को सदाबहार क्रांति के माध्यम से भारतीय उपमहाद्वीप में पारिस्थितिक नुकसान के बिना शाश्वत उत्पादकता में वृद्धि करने के लिए जाना जाता है.
स्वामीनाथन को पारिस्थितिकी, अर्थशास्त्र, लिंग और सामाजिक समानता, रोजगार और ऊर्जा के सिद्धांतों में निहित कार्यक्रमों के माध्यम से पोषण के प्रति संवेदनशील कृषि के लिए जाना जाता है.
एमएस स्वामीनाथन के बारे में
·       एमएस स्वामीनाथन का जन्म तमिलनाडु, कुंभकोणम में 7 अगस्त, 1925 को हुआ था.
·       वह भारतीय आनुवंशिकीविद् हैं और भारत की प्रसिद्ध "हरित क्रांतिमें प्रमुख भूमिका के लिए जाने जाते हैं.
·       हरित क्रांति एक कार्यक्रम है जिसके तहत गरीब किसानों के खेतों में गेहूं और चावल के पौध की उच्च उपज की किस्मों को लगाया गया था.
·       स्वामीनाथन को हरित क्रांति के भारतीय पिता के रूप में जाना जाता है. जबकि अमेरिका के नॉर्मन अर्नेस्ट बोरलॉग को हरित क्रांति के दुनिया के पिता के रूप में जाना जाता है.
·       एमएस स्वामीनाथन ने वर्ष 1966 से वर्ष 1972 के बीच नई दिल्ली के भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के निदेशक के रुप में कार्य किया है.
·       वह वर्ष 2004 में अपनी स्थापना के बाद से, राष्ट्रीय किसान आयोग के अध्यक्ष हैं.


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