राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष ममता शर्मा ने अपने पद से 1 अगस्त 2014 को इस्तीफा दे दिया. उन्होंने तीन वर्षों
तक आयोग की कमान संभाली. ममता शर्मा ने 2 अगस्त 2011 को राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाला था.
राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य सुश्री निर्मला सामंत प्रभावलकर, अब उनकी स्थान लेंगी.
ममता शर्मा के बारे में
• उनका जन्म स्वतंत्रता
संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाने वाले प्रबल देशभक्त धारलाल देवता के घर में हुआ
था.
• शर्मा ने 1985 में सक्रिय राजनीति में कदम रखा और 1986 में वे
राजस्थान रेड क्रॉस सोसायटी की कार्यकारी सदस्य के तौर पर नामांकित की गईं.
• बाद मे वे राजस्थान
प्रदेश कांग्रेस समिति की महासचिव बनीं.
• विधानसभा चुनावों में
वे राजस्थान की बूंदी निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ीं और अपने निकटतम
प्रतिद्वंद्वी को बहुत अंतर से हराया.
• साल 2002 में, वे अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्रीमंडल
विस्तार के दौरान संसदीय सचिव के तौर पर नियुक्त की गईं.
• साल 2003 मे वे बूंदी निर्वाचन क्षेत्र से एक बार फिर से चुनीं गईं और वे 2003
विधानसभा चुनावों में खड़ी 18 महिला
उम्मीदवारों में से जीत हासिल करने वाली एकमात्र महिला उम्मीदवार थीं.
राष्ट्रीय महिला आयोग के
बारे में
जनवरी 1992 में राष्ट्रीय
महिला आयोग का गठन राष्ट्रीय महिला आयोग अधिनियम, 1990 के
तहत एक सांविधिक निकाय के तौर पर हुआ था ताकि–
• महिलाओं के लिए
संवैधानिक और कानूनी सुरक्षा उपायों की समीक्षा की जा सके.
• उपचारात्मक विधायी
उपायों की सिफारिश की जा सके.
• शिकायतों के निवारण की
सुविधा और
• महिलाओं को प्रभआवित
करने वाली सभी नीतिगत मामलों पर सरकार को सलाह देने के लिए.
डॉ. गिरिजा व्यास एक मात्र अध्यक्ष हैं जिन्होंने दो बार
तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा किया है.
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