केंद्र सरकार ने सड़क दुर्घटनाओं में घायलों के मुफ्त इलाज हेतु इंश्योरेंस कंपनियों से समझौता किया-(30-AUG-2014) C.A

| Saturday, August 30, 2014
केंद्रीय सड़क परिवहन एंव राजमार्ग मंत्रालय ने सड़क दुर्घटनाओं में घायलों के मुफ्त इलाज हेतु 28 अगस्त 2014 को इंश्योरेंस कंपनियों से समझौता किया. इसके तहत इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लिएवं आईसीआईसीआई लोम्बार्ट जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि.से समझौता किया गया. इस समझौते का मुख्य उद्देश्य सड़क दुर्घटनाओं और उनसे होने वाले नुकसान को न्यूनतम करना है.
सड़क दुर्घटना में घायलों के मुफ्त इलाज के लिए दो पायलट योजनाओं के तहत यह योजना, राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 पर वड़ोदरा- मुम्बई के बीच चलाई जाएगी तथा दूसरी, राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 33 पर रांची-रारगांव-माहुलिया (जमशेदपुर) पर चलाई जाएगी. इस योजना में एक टोल फ्री नम्बर (1033) और एक चौबीस घंटे चलने वाले कॉल सेंटर होगा जो चयनित स्थानों पर होने वाली दुर्घटनाओं की सूचनाएं प्राप्त करेगा. इस योजना के तहत घायलों को जल्द से जल्द नजदीकी अस्पताल पहुंचाने के लिए ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) युक्त एबुलेंस हर 25 किलोमीटर की दूरी पर तैनात करने का प्रावधान है. इसके साथ ही साथ एंबुलेंस के दुर्घटना स्थल तक पहुंचने और घायलों को नजदीकी अस्पताल तक पहुंचाने दोनों के लिए 15 - 15 मिनट का समय निर्धारित किया गया. इस योजना के तहत नामांकित निजी अस्पताल में इलाज की स्थिति में पहले 48 घंटों के लिए 30000 रुपए तक के मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाएगी. समझौते के अनुसार, वड़ोदरा- मुम्बई के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-8 पर इस सेवा के लिए इफ्को टोकियो जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि’. और राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-33 पर रांची-रारगांव-माहुलिया (जमशेदपुर) के लिए आईसीआईसीआई लोम्बार्ट जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि.अपनी सेवाएं देगी.
विदित हो कि सड़क परिवहन और राष्ट्रीय राजमार्ग मंत्रालय, ‘आईसीआईसीआई लोम्बार्ट जनरल इंश्योरेंस कंपनी लि.के जरिए राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 8 पर गुड़गांव-जयपुर के बीच इसी तरह की प्रायोगिक योजना जुलाई 2013 से चला रहा है. इस योजना के तहत 31 जुलाई 2014 तक 3011 दुर्घटना पीड़ितों का इलाज कराया जा चुका है. गुड़गांव-जयपुर योजना में एंबुलेंस के घायलों तक पहुंचने में 20 मिनट और घायलों को नजदीकी अस्पताल तक पहुंचाने के लिए औसतन 20 मिनट का लक्ष्य रखा गया था. वर्तमान में आवश्यक सुधार के जरिए एंबुलेंस के दुर्घटना स्थल तक पहुंचने में औसतन 8 मिनट और घायलों को नजदीकी अस्पताल तक पहुंचाने में औसतन 15 मिनट का समय लग रहा है. पहले से चल रहे इस प्रोजेक्ट की सफलता से प्रोत्साहित होकर नये समझौते किये गए. इन तीनों पायलट प्रोजेक्ट्स को दुर्घटनाओं में घायलों के मुफ्त इलाज की योजना को देशव्यापी रूप से लागू करने के लिए आंकड़े जुटाने के लिए शुरू किया गया है. इन प्रायोगिक योजनाएं के सफल परीक्षण के बाद इन्हें पूरे देश में लागू करने की योजना है.


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