केंद्रीय
मंत्रिमंडल ने 26 दिसंबर 2013 को
सर्वोच्च न्यायलय एवं उच्च न्यायलय में नियुक्ति एवं न्यायाधीशों के स्थानांतरण के
लिए प्रस्तावित न्यायिक नियुक्ति आयोग (जेएसी) विधेयक 2013 को
संवैधानिक दर्जा प्रदान करने की मंजूरी दी.
विदित हो कि
वर्ष 2013 अगस्त में राज्य सभा में एक पृथक विधेयक
(120 वां संविधान संशोधन विधेयक 2013) पेश
किया गया था. इस विधेयक में आयोग के स्वरूप का उल्लेख नहीं था.
न्यायिक
नियुक्ति आयोग (जेएसी) विधेयक 2013 द्वारा भारतीय
संविधान में अनुच्छेद 124(1) को जोड़ते हुए निम्नलिखित
अनुच्छेदो में संशोधन होगा-
•
अनुच्छेद 124(2)
• अनुच्छेद 217(1)
• अनुच्छेद 222(1)
• अनुच्छेद 217(1)
• अनुच्छेद 222(1)
भारतीय संविधान
के अनुच्छेद 124(1),124(2), 217(1), 222(1) की वर्तमान
स्थिति
भारत का एक
सर्वोच्च न्यायालय होगा जो भारत के मुख्य न्यायाधीश एवं जब तक संसद द्वारा एक बड़ी
संख्या का प्रावधान न हो तब तक सात या उससे कम न्यायधीशो
द्वारा संचालित होगा. अनुच्छेद 124(1).
सर्वोच्च
न्यायालय के न्यायाधीशों की नियुक्ति में राष्ट्रपति भारत के मुख्य न्यायाधीश एवं
वह आवश्यक समझे सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के अन्य न्यायाधीशों से
परामर्श करेंगे. - अनुच्छेद 124(2).
उच्च न्यायलय
के प्रत्येक न्यायाधीश को राष्ट्रपति भारत के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श करके
नियुक्त करेगा. उच्च न्यायलय के मुख्य न्यायाधीश के अतिरक्त न्यायाधीशो के
नियुक्ति में राष्ट्रपति राज्य के राज्यपाल से परामर्श करेंगे. - अनुच्छेद 217(1).
राष्ट्रपति
भारत के मुख्य न्यायाधीश से परामर्श करके उच्च न्यायलय के न्यायाधीश को एक उच्च
न्यायलय से किसी और उच्च न्यायलय में स्थानांतरण कर सकता है. - अनुच्छेद 222(1).
अगस्त 2013 में राज्य सभा में एक पृथक विधेयक (120 वां संविधान संशोधन विधेयक 2013) पेश किया गया था. इस विधेयक में न्यायिक नियुक्ति आयोग (जेएसी) के स्वरूप का उल्लेख नहीं था.
अगस्त 2013 में राज्य सभा में एक पृथक विधेयक (120 वां संविधान संशोधन विधेयक 2013) पेश किया गया था. इस विधेयक में न्यायिक नियुक्ति आयोग (जेएसी) के स्वरूप का उल्लेख नहीं था.
न्यायिक
नियुक्ति आयोग के सदस्यों की नियुक्ति
•
नए प्रस्ताव के अनुसार न्यायिक नियुक्ति आयोग में छह सदस्य
होंगे जिसमे भारत के मुख्य न्यायाधीश, दो सुप्रीम कोर्ट के
न्यायाधीशों, केंद्रीय कानून मंत्री द्वारा दो न्यायविदों के
मनोयन करने के स्थान पर दो प्रतिष्ठित व्यक्तियों का मनोयन होगा. दो प्रतिष्ठित
व्यक्तियों को आयोग में नियुक्त करने वाली कॉलेजियम व्यवस्था में भारत के
प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और भारत के मुख्य न्यायाधीश
शामिल है.
•
कानून मंत्रालय के सचिव न्यायिक नियुक्ति आयोग के संयोजक
रहेंगे लेकिन आयोग के सदस्य के रूप में कार्य नहीं करेंगे.
•
न्यायिक नियुक्ति आयोग के प्रभावी होने से न्यायाधीशों द्वारा
न्यायाधीशों की नियुक्ति के लिए बनाया गया कॉलेजियम सिस्टम समाप्त.
•
छह सदस्यीय न्यायिक नियुक्ति आयोग में दो न्यायविदों के स्थान
पर दो प्रतिष्ठित व्यक्तियों को प्रस्तावित विधेयक में
शामिल किया जाना. न्यायपालिका को अतिरिक्त वेटेज से दूर रखने हेतु इस निर्णय
द्वारा एक संतुलन बनाया गया.
न्यायिक
नियुक्ति आयोग (जेएसी) विधेयक 2013 के मुख्य बिंदु
• जेएसी से उच्च न्यायालयों और सर्वोच्च न्यायालयों में नियुक्तियों के
कालेजियम प्रणाली दूर होगी.
• भारत के संविधान के अनुच्छेद 124(2) में जेएसी की सिफारिश पर जजों की नियुक्ति के लिए, भारत के राष्ट्रपति को शक्ति देने के लिए संशोधन किया जाएगा.
• जेएसी संविधान के अनुसार यूपीए सरकार द्वारा संसद में प्रस्तुत (120 वां संशोधन) विधेयक 2013 के अनुसार एक साधारण कानून द्वारा निर्धारित किया जाएगा.
• जेएसी के कार्यकाल में संविधान संशोधन हेतु संसद में संशोधन के लिए दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी.
• भारत के संविधान के अनुच्छेद 124(2) में जेएसी की सिफारिश पर जजों की नियुक्ति के लिए, भारत के राष्ट्रपति को शक्ति देने के लिए संशोधन किया जाएगा.
• जेएसी संविधान के अनुसार यूपीए सरकार द्वारा संसद में प्रस्तुत (120 वां संशोधन) विधेयक 2013 के अनुसार एक साधारण कानून द्वारा निर्धारित किया जाएगा.
• जेएसी के कार्यकाल में संविधान संशोधन हेतु संसद में संशोधन के लिए दो तिहाई बहुमत की आवश्यकता होगी.
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