8वीं पंचवर्षीय राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण केन्द्रीय सांख्यिकी मंत्रालय द्वारा जारी-(30-OCT-2013) C.A

| Wednesday, October 30, 2013
सांख्यिकी एवं कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय ने रोजगार और बेरोजगारों पर कराये गये 8वें पंचवर्षीय राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (एनएसएस) 28 अक्टूबर 2013 को जारी किए गए. 8वें पंचवर्षीय राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण (एनएसएस) के अनुसार 2004-05 और 2009-10 के बीच प्रथम श्रेणी के शहरों में से उत्तर प्रदेश के वाराणसी में सर्वाधिक 35 प्रतिशत महिलाएं और आगरा में सबसे कम दो प्रतिशत महिलाएं रोजगार में लगी हुई थी. एनएसएस का यह 66वां दौर जुलाई, 2009 से जून, 2010 तक पूरा किया गया. इस सर्वेक्षण में 7,402 गांवों और 5,252 शहरी ब्लॉकों के एक लाख 957 परिवारों के चार लाख 59 हजार 784 व्यक्तियों को शामिल किया गया है.

इस सर्वेक्षण के महत्वपूर्ण तथ्य निम्नलिखित हैं.
प्रथम श्रेणी के नगरों में वर्ष 2004-05 से 2009-10 के बीच 15 वर्ष से अधिक आयु की जनसंख्या में सूरत में सर्वाधिक 87 प्रतिशत और मेरठ में सबसे कम 49 प्रतिशत व्यक्ति रोजगार प्राप्त थे.
वर्ष 2004-05 से 2009-10 के बीच प्रथम श्रेणी के नगरों में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरूष बेरोजगारों की संख्या में कोई परिवर्तन नहीं हुआ, जबकि उनकी संख्या में दूसरी श्रेणी के नगरों में एक प्रतिशत और तीसरी श्रेणी के नगरों में दो प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई. 
वर्ष 2004-05 से 2009-10 के मध्य प्रथम श्रेणी के नगरों में महिला बेरोजगारों की संख्या एक प्रतिशत बढ़ी. हालांकि दूसरी और तीसरी श्रेणी के नगरों में बेरोजगार महिलाओं की संख्या दो प्रतिशत कम हुई.
वर्ष 2004-05 से 2009-10 के मध्य में 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरूषों में प्रथम श्रेणी के नगरों में 52 प्रतिशत, दूसरी श्रेणी के नगरों में 43 प्रतिशत और तीसरी श्रेणी के नगरों में 31 प्रतिशत श्रमिक नियमित रूप से वेतनभोगी पाये गये, जबकि प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी के नगरों में ऐसी महिलाओं की संख्या  क्रमश: 58, 42 और 23 प्रतिशत पायी गई.
प्रथम, द्वितीय और तृतीय श्रेणी के नगरों में इस दौरान इसी आयु वर्ग में क्रमश: 39, 40 और 45 प्रतिशत पुरूष स्वरोजगार प्राप्त थे, जबकि स्वरोजगार प्राप्त  महिलाओं की संख्या क्रमश: 33, 41 और 47 प्रतिशत थी.
वर्ष 2009-10 के दौरान प्रथम और द्वितीय श्रेणी में नगरों में नियमित रूप से वेतनभोगी महिलाओं और पुरूषों की संख्या स्वरोजगार प्राप्त अथवा दैनिक वेतन भोगी श्रमिकों की संख्या से अधिक रही, जबकि तीसरी श्रेणी के नगरों में स्वरोजगार प्राप्त महिलाओं और पुरूषों की संख्या अधिक थी.
वर्ष 2009-10 में सभी श्रेणी के नगरों में त़ृतीय वरीयता प्राप्त क्षेत्र में अन्य दोनों क्षेत्रों प्राथमिक और माध्यमिक की तुलना में श्रमिकों की संख्या सर्वाधिक थी. 15 वर्ष और उससे अधिक आयु के पुरूष श्रमिकों में से शहरी क्षेत्रों में 59 प्रतिशत पुरूष श्रमिक तृतीय वरीयता प्राप्त क्षेत्र (अर्थात सेवा क्षेत्र), 35 प्रतिशत पुरूष श्रमिक माध्यमिक क्षेत्र और छह प्रतिशत पुरूष श्रमिक प्राथमिक क्षेत्र में कार्यरत थे. इन क्षेत्रों में महिला श्रमिकों की संख्या क्रमश: 53, 33 और 14 प्रतिशत थी.

विदित हो कि वर्ष 2001 की जनगणना के अनुसार दस लाख और उससे अधिक जनसंख्या वाले नगर पहली श्रेणी में, 50 हजार से दस लाख तक के नगर दूसरी श्रेणी में और 50 हजार से कम जनसंख्या वाले कस्बें तीसरी श्रेणी में शामिल है.


Who: केन्द्रीय सांख्यिकी मंत्रालय
What: 8वें पंचवर्षीय राष्ट्रीय नमूना सर्वेक्षण
When: 28 अक्टूबर 2013


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