म्यांमार
में विपक्ष की नेता एवं नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित आंग सान सू की को यूरोपीय
संघ का शीर्ष सम्मान विचारों की स्वतंत्रता के लिए सखारोव मानवाधिकार पुरस्कार (Sakharov
Prize for Freedom of Thought) स्ट्रॉसबर्ग (फ्रांस) में 22 अक्टूबर 2013 को प्रदान किया गया. उन्हें यह
पुरस्कार वर्ष 1990 में दिया गया था परतु उस समय म्यांमार
में सेना की सरकार थी और वह नजर बंद थीं. जिसके कारण वह यह पुरस्कार नहीं ले सकी.
आंग सान सू की ने पुरस्कार लेने के बाद कहा कि उनका काम अभी पूरा
नहीं हुआ है.
आंग सान सू की को यह सम्मान यूरोपीय संघ के संसद के अध्यक्ष मार्टिन सुलज ने प्रदान किया. इसके बाद मार्टिन सुलज ने कहा कि आपने दिखाया कि जो लोग लोकतंत्र के लिए लड़ते हैं वह अंत में विजेता होते हैं.
यूरोपीय संघ सखारोव मानवाधिकार पुरस्कार
यूरोपीय संसद द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए सोवियत भौतिक विज्ञानी आंद्रेय सखारोव की याद में सखारोव पुरस्कार दिया जाता है. इस पुरस्कार के तहत विजेता को 65 हजार डालर (करीब 40 लाख रुपये) की राशि प्रदान की जाती है. यह यूरोप का शीर्ष मानवाधिकार पुरस्कार है.
आंग सान सू की से सम्बंधित मुख्य तथ्य
• आंग सान सू की का जन्म 19 जून 1945 को रंगून में हुआ था.
• वह लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई म्यांमार (बर्मा) की प्रधानमंत्री, प्रमुख विपक्षी नेता और म्यांमार की नेशनल लीग फार डेमोक्रेसी की नेता हैं.
• आंग सान सू की को वर्ष 1991 में नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया.
• आंग सान सू की को वर्ष 1993 में अंतरराष्ट्रीय सामंजस्य के लिए भारत सरकार द्वारा जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
• आंग सान सू की को अमेरिका की कांग्रेस ने अमेरिका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान कांग्रेसनल गोल्ड मैडल सितंबर 2012 में प्रदान किया.
• आंग सान सू की को सितंबर 2012 में अटलांटिस काउंसिल के ग्लोबल सिटिजन अवार्ड से सम्मानित किया गया.
• बर्मा की सैनिक सरकार द्वारा घर में नजरबंद रहने के बाद आंग सान सू की को नवंबर 2010 में रिहा किया गया और वर्ष 2012 में आंग सान सू की म्यांमार संसद के लिए निर्वाचित हुईं.
विदित हो कि बालिकाओं की शिक्षा की पैरोकार पाकिस्तान की किशोर कार्यकर्ता मलाला युसुफजई को यूरोपीय संसद के शीर्ष सखारोव मानवाधिकार पुरस्कार से 9 अक्टूबर 2013 को सम्मानित किया गया. यह पुरस्कार दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान को दिया जा चुका है.
आंग सान सू की को यह सम्मान यूरोपीय संघ के संसद के अध्यक्ष मार्टिन सुलज ने प्रदान किया. इसके बाद मार्टिन सुलज ने कहा कि आपने दिखाया कि जो लोग लोकतंत्र के लिए लड़ते हैं वह अंत में विजेता होते हैं.
यूरोपीय संघ सखारोव मानवाधिकार पुरस्कार
यूरोपीय संसद द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के लिए सोवियत भौतिक विज्ञानी आंद्रेय सखारोव की याद में सखारोव पुरस्कार दिया जाता है. इस पुरस्कार के तहत विजेता को 65 हजार डालर (करीब 40 लाख रुपये) की राशि प्रदान की जाती है. यह यूरोप का शीर्ष मानवाधिकार पुरस्कार है.
आंग सान सू की से सम्बंधित मुख्य तथ्य
• आंग सान सू की का जन्म 19 जून 1945 को रंगून में हुआ था.
• वह लोकतांत्रिक तरीके से चुनी गई म्यांमार (बर्मा) की प्रधानमंत्री, प्रमुख विपक्षी नेता और म्यांमार की नेशनल लीग फार डेमोक्रेसी की नेता हैं.
• आंग सान सू की को वर्ष 1991 में नोबेल शांति पुरस्कार प्रदान किया गया.
• आंग सान सू की को वर्ष 1993 में अंतरराष्ट्रीय सामंजस्य के लिए भारत सरकार द्वारा जवाहर लाल नेहरू पुरस्कार से सम्मानित किया गया.
• आंग सान सू की को अमेरिका की कांग्रेस ने अमेरिका का सर्वोच्च नागरिक सम्मान कांग्रेसनल गोल्ड मैडल सितंबर 2012 में प्रदान किया.
• आंग सान सू की को सितंबर 2012 में अटलांटिस काउंसिल के ग्लोबल सिटिजन अवार्ड से सम्मानित किया गया.
• बर्मा की सैनिक सरकार द्वारा घर में नजरबंद रहने के बाद आंग सान सू की को नवंबर 2010 में रिहा किया गया और वर्ष 2012 में आंग सान सू की म्यांमार संसद के लिए निर्वाचित हुईं.
विदित हो कि बालिकाओं की शिक्षा की पैरोकार पाकिस्तान की किशोर कार्यकर्ता मलाला युसुफजई को यूरोपीय संसद के शीर्ष सखारोव मानवाधिकार पुरस्कार से 9 अक्टूबर 2013 को सम्मानित किया गया. यह पुरस्कार दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव कोफी अन्नान को दिया जा चुका है.
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