दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित पाश्र्वगायक मन्ना डे का निधन-(25-OCT-2013) C.A

| Friday, October 25, 2013
भारतीय सिनेमा के पाश्र्वगायक मन्ना डे का बंगलुरु के एक निजी अस्पताल में 23 अक्टूबर 2013 को निधन हो गया. वह 94 वर्ष के थे. मन्ना डे का वास्तविक नाम प्रबोध चंद डे था. 

उनकी पत्नी सुलोचना कुमारन का निधन जनवरी 2012 में कैंसर से हुई थी. उनके परिवार में दो बेटियां रमा और सुमिता हैं. रमा अपने पिता के निधन के समय उनके साथ अस्पताल में ही थीं.  डे की दूसरी बेटी सुमिता अमेरिका में रहती हैं.
 
परिजन उनका अंतिम संस्कार बंगलुरु के पश्चिमोत्तर इलाके में स्थित हब्बल शवदाह गृह में गुरुवार शाम तक करना चाहते हैं.

मन्ना डे से सम्बंधित मुख्य तथ्य 
मन्ना डे का जन्म कोलकाता के एक बंगाली परिवार में 1 मई 1919 को हुआ. 
मन्ना डे ने 1942 में फिल्म तमन्ना से अपने करियर की शुरुआत की. इस फिल्म में उन्होंने सुरैया के साथ गाना गाया था जो काफी चर्चित रहा.
मन्ना डे को वर्ष 2007 में फिल्म जगत के सर्वश्रेष्ठ सम्मान दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. 
मन्ना डे को पद्मश्री (1971) और पद्मभूषण (2005) सम्मान प्रदान किया गया था. 
मई 2013 को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने मन्ना डे को संगीत के क्षेत्र में उनके अपूर्व योगदान के लिए बंगाल के विशेष महा संगीत सम्मान पुरस्कार से नवाजा था.
मन्ना डे को वर्ष 1969 में फिल्म 'मेरे हुजूर' के लिये सर्वश्रेष्ठ पार्श्र्वगायक, वर्ष 1971 में बंगला फिल्म 'निशि पदमा' के लिये सर्वश्रेष्ठ पार्श्र्वगायक और वर्ष 1970 में प्रदर्शित फिल्म 'मेरा नाम जोकर' के लिए फिल्मफेयर के सर्वश्रेष्ठ पार्श्र्वगायक पुरस्कार से सम्मानित किया गया. 
उन्होंने अपने सात दशकों के संगीत करियर में 4000 से ज्यादा गीत गाए, जिनमें रोमांटिक, शास्त्रीय और दिल बहलाने वाले मनोरंजक गीत शामिल हैं.
मन्ना डे द्वारा गाए प्रमुख गीतहैं - प्यार हुआ इकरार हुआ है, प्यार से फिर क्यों डरता है दिलफिल्म श्री 420’ का, फिल्म चोरी चोरीके आजा सनम मधुर चांदनी में हम और ये रात भीगी-भीगी’, ‘दिल ही तो हैका लागा चुनरी में दाग छुपाऊं कैसे आदि.


What: निधन


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