भारत और चीन के मध्य नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना पर समझौता ज्ञापन-(30-OCT-2013) C.A

| Wednesday, October 30, 2013
भारत के प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह की तीन दिवसीय चीन की सरकारी यात्रा 22-24 अक्टूबर 2013 को संपन्न हो गई. उन्होंने यह यात्रा चीन के प्रधानमंत्री ली किक्‍यांग के निमंत्रण पर की. चीन पहुंचने से पहले प्रधानमंत्री ने मास्को में आयोजित 14वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन में भाग लेने के उद्देश्य से रूस की यात्रा की.
   
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और प्रधानमंत्री ली किक्‍यांग के बीच पेइचिंग में हुई बातचीत के बाद नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना पर समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए. 
इस समझौता ज्ञापन के प्रावधान अधोलिखित हैं.

नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना
इस समझौता ज्ञापन में उल्लिखित उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी. 
नालंदा विश्वविद्यालय एक गैर सरकारी, गैर लाभकारी, स्व-शासित अंतरराष्ट्रीय संस्था होगी. इसे अपने उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए पूर्ण शैक्षणिक स्वतंत्रता होगी.
नालंदा विश्वविद्यालय भारत में बिहार राज्य के नालंदा जिले में राजगीर में स्थित होगा.
नालंदा विश्वविद्यालय को भारत में पूर्ण कानूनी रूप हासिल होगा.
नालंदा विश्वविद्यालय को डिग्री, डिप्लोमा और प्रमाणपत्र प्रदान करने की शक्ति होगी.
 
नालंदा विश्वविद्यालय के उद्देश्य और कार्य
विश्वविद्यालय के उद्देश्य और कार्य निम्नलिखित हैं. 
सीखने के लिए अंतरराष्ट्रीय संस्था स्थापित करना जो लिंग, जाति, नस्ल, विकलांगता, धर्म या सामाजिक-आर्थिक पृष्ठभूमि पर कोई विचार किए बिना सभी देशों से प्रतिभाशाली और सबसे समर्पित छात्रों को एक साथ लाएगी और उन्हें बौद्धिक, दार्शनिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक अध्ययन करने के लिए आवश्यक साधन उपलब्ध कराएगी. 
सीखने के एक एशियाई समुदाय का निर्माण करना जहां हर छात्र की बौद्धिक क्षमता पूरी संभव हद तक विकसित की जा सके और क्षेत्रीय जागरूकता को मजबूत बनाने के जरिए एक एशियाई समुदाय बनाया जा सके.
जीवन के गुणों में सुधार के लिए महत्वपूर्ण दर्शन , भाषा , इतिहास और उच्च शिक्षा के अन्य क्षेत्रों में एशियाई देशों की क्षमता निर्माण की दिशा में शिक्षा प्रदान करना. 
अपने अतीत के इतिहास से जोड़कर और एक दूसरे के दृष्टिकोण की अपनी समझ को बढ़ाने के जरिए भविष्य के नेताओं को एक साथ लाकर क्षेत्रीय शांति और दृष्टि को बढ़ावा देने में योगदान करना.

नालंदा विश्वविद्यालय की वित्तीय व्यवस्था
विश्वविद्यालय की स्थापना और संचालन के लिए धन का प्रबंध स्वैच्छिक आधार पर किया जाएगा.

नालंदा विश्वविद्यालय की शासन संरचना
विश्वविद्यालय संचालक मंडल द्वारा संचालित किया जाएगा. भारत के राष्ट्रपति विश्वविद्यालय के विजिटर होंगे. संचालक मंडल के सदस्यों में भारत से और विदेशों के प्रतिष्ठित व्यक्ति शामिल. संचालक मंडल में सदस्य के तौर पर अंतरराष्ट्रीय उत्कृष्ट संस्था के रूप में नालंदा विश्वविद्यालय के विकास में अपनी भूमिका बढ़ाने के लिए पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन के प्रतिभागी देशों के पांच प्रतिनिधि शामिल होंगे.

संचालक मंडल विश्वविद्यालय के समग्र नीतियों और निर्देशों के लिए जिम्मेदार होगा. संचालक मंडल की शक्तियां और कार्य विश्वविद्यालय के अध्यादेश के अनुसार होंगे. विश्वविद्यालय का नेतृत्व संचालक मंडल द्वारा नियुक्त एक कुलपति करेंगे. कुलपति की नियुक्ति, कार्यकाल, शक्तियां और कार्य विश्वविद्यालय के विधि और नियम के अनुसार होंगे.

नालंदा विश्वविद्यालय की राजकोषीय स्थिति
मेजबान देश में विश्वविद्यालय की संपत्ति, आय और अन्य परिसंपत्ति को सभी प्रत्यक्ष करों से छूट होगी. हालांकि, विश्वविद्यालय जनोपयोगी सेवाओं के लिए शुल्क से अधिक करों में छूट का दावा नहीं करेगा. विश्वविद्यालय को प्रासंगिक कानूनों, नियमों और विनियमों के प्रावधानों के अधीन अपने आधिकारिक उपयोग के लिए आयात और निर्यात पर सीमा शुल्क और अन्य प्रतिबंध से छूट दी गई है, और इस तरह की छूट के तहत आयातित लेख निपटारा किया जाएगा बशर्ते कि मेजबान देश के स्थानीय कानूनों के अनुसार हो. इसके प्रकाशन के संबंध में आयात और निर्यात पर सीमा शुल्क और रोक और प्रतिबंध से छूट दी गई है.

विशेषाधिकार और उन्मुक्ति
यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर और उसके अकादमिक स्टाफ और जहां लागू हो उनके आश्रित एवं परिवार के सदस्यों को नालंदा विश्वविद्यालय और भारत सरकार के बीच हस्ताक्षरित मुख्यालय करार के तहत विशेषाधिकार और उन्मुक्ति दी जाएगी.

वीजा और वर्क परमिट
मेजबान देश छात्रों, अध्ययन या विश्वविद्यालय में काम करने के लिए भारत की यात्रा के लिए शिक्षकों और कर्मचारियों को उपयुक्त वीजा प्रदान करेगा.

विवादों के निपटान
इस समझौता ज्ञापन की व्याख्या या कार्यान्वयन के विषय में किसी भी मुद्दे को आपसी विचार विमर्श के माध्यम से तय किया जाएगा.

अंतिम प्रावधान
समझौता ज्ञापन पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन के चार प्रतिभागी देशों के हस्ताक्षर पर प्रभाव में आ जाएगा. समझौता ज्ञापन के प्रभाव में आने के बाद, पूर्व एशिया शिखर सम्मेलन या नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना और इसके उद्देश्य के लिए हस्ताक्षर करने वाले देश से भिन्न अन्य देश भी उपयुक्त समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर कर सकते हैं.


Who: भारत और चीन
Where: चीन
What: नालंदा विश्वविद्यालय की स्थापना से संबधित समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर


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