14वां भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन मास्को में 21 अक्टूबर
2013 को सम्पन्न हुआ. इस वार्षिक शिखर सम्मेलन की
सह-अध्यक्षता रूसी संघ के राष्ट्रपति व्लादिमीर वी पुतिन और भारत के प्रधानमंत्री
डॉ मनमोहन सिंह ने की.
14वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन से संबंधित मुख्य तथ्य
• दोनों देशों ने आतंकवाद को समाप्त करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों में सहयोग
की प्रतिबद्धता व्यक्त की.
• शिखर और प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत में दोनों देशों के बीच सीरिया, अफगानिस्तान और ईरान के मुद्दों के अलावा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर साथ-साथ काम करने पर सहमति बनी.
• दोनों देशों ने एक दूसरे के यहां निवेश बढ़ाने के साथ-साथ तेल और गैस, उर्जा, सूचना प्रौद्यागिकी, उड्डयन, हाईड्रोकार्बन और खनन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आपसी सहयोग में तेजी लाने पर बल दिया.
• शिखर सम्मेलन के दौरान कुडनकुलम परमाणु उर्जा संयंत्र की तीसरी और चौथी इकाई की स्थापना को लेकर भी दोनों देशों ने सभी तरह की बाधाएं दूर करने पर सहमति व्यक्त की.
• दोनों देशों के नेताओं ने कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना के बकाया मुद्दों के जल्द से जल्द समाधान हेतु अधिकारियों को निर्देश भी दिए.
• सम्मेलन के दौरान रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में स्थायी सदस्यता के भारत के दावे का समर्थन किया.
• शिखर और प्रतिनिधिमंडल स्तर की बातचीत में दोनों देशों के बीच सीरिया, अफगानिस्तान और ईरान के मुद्दों के अलावा अंतरराष्ट्रीय मंचों पर साथ-साथ काम करने पर सहमति बनी.
• दोनों देशों ने एक दूसरे के यहां निवेश बढ़ाने के साथ-साथ तेल और गैस, उर्जा, सूचना प्रौद्यागिकी, उड्डयन, हाईड्रोकार्बन और खनन जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में आपसी सहयोग में तेजी लाने पर बल दिया.
• शिखर सम्मेलन के दौरान कुडनकुलम परमाणु उर्जा संयंत्र की तीसरी और चौथी इकाई की स्थापना को लेकर भी दोनों देशों ने सभी तरह की बाधाएं दूर करने पर सहमति व्यक्त की.
• दोनों देशों के नेताओं ने कुडनकुलम परमाणु ऊर्जा परियोजना के बकाया मुद्दों के जल्द से जल्द समाधान हेतु अधिकारियों को निर्देश भी दिए.
• सम्मेलन के दौरान रूस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद् में स्थायी सदस्यता के भारत के दावे का समर्थन किया.
विदित
हो कि मॉस्को में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन
के बीच प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता के बाद भारत और रूस ने विज्ञान और
प्रौद्योगिकी तथा ऊर्जा सुरक्षा सहित पांच समझौतों पर हस्ताक्षर किए.
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