फसल वर्ष 2013-14 हेतु गेहूं के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 50 रुपये प्रति क्विंटल की वृद्धि-(18-OCT-2013) C.A

| Friday, October 18, 2013
आर्थिक मामलों की मंत्रिमण्डलीय समिति (सीसीईए) ने फसल वर्ष 2013-14 के लिए गेंहू के समर्थन मूल्य में 50 रूपये की बढ़ोतरी कर उसे 1400 रूपये प्रति कुंतल करने की मंजूरी प्रदान की.  इनका विपणन 2014-15 में किया जाना है. यह मंजूरी आर्थिक मामलों की मंत्रिमण्डलीय समिति की नई दिल्ली में 17 अक्टूबर 2013 को हुई बैठक में दी गई.

इस वृद्धि से पहले गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 1350 रुपये था. सीसीइए ने यह वृद्धि कृषि लागत और मूल्य आयोग की सिफारिशों के आधार पर किया. सीसीईए ने कृषि मंत्रालय के उस प्रस्ताव को खारिज कर दिया जिसमें गेंहू के समर्थन मूल्य में 100 रूपये प्रति कुंतल के वृद्धि की सिफारिश की थी. कृषि लागत और मूल्य आयोग ने चने और सरसों के न्यूनतम समर्थन मूल्य में 100-00 रूपये प्रति कुंतल की वृद्धि की. 

जौ का न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य 120 रूपये प्रति कुंतल बढ़ाकर 1100 रूपये प्रति कुंतल निश्चित किया गया. चना और मसूर के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य में 100 रूपये प्रति कुंतल तथा 50 रूपये प्रति कुंतल की वृद्धि पिछले वर्ष के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य के मुकाबले की गई. इनका न्‍यूनतम सर्मथन मूल्‍य क्रमश: 3100 रूपये प्रति कुंतल तथा 2950 रूपये प्रति कुंतल किया गया. सफेद सरसों/सरसों के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य में 50 रूपये प्रति कुंतल की वृद्धि की गई. इनका न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य 3050 रूपये प्रति कुंतल निश्चित किया गया. कुसुम के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य में पिछले वर्ष के न्‍यूनतम समर्थन मूल्‍य के मुकाबले 200 रूपये प्रति कुंतल की वृद्धि कर इसका नयूनतम समर्थन मूल्‍य 3000 रूपये प्रति कुंतल निश्चित किया गया.
 
लाभ 
इसवृद्धि से चालू रबी मौसम में किसानों को अधिक क्षेत्र में गेहूं उगाने का प्रोत्साहन मिलेगा.
 
विश्लेषण 
गेंहू के समर्थन मूल्य में 50 रूपये की वृद्धि एक संतुलित वृद्धि है. इससे सरकार के उपर जो खाद्य सब्सिडी है उसका बोझ भी अधिक नहीं बढ़ेगा. इससे बाजार में ऐसा संकेत भी नहीं जाएगा जिससे कि न्यूनतम समर्थन मूल्य में भारी बढ़ोत्तरी के चलते जो आगे महंगाई की दर है उसमें वृद्धि हो.




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