विश्व की सबसे बड़ी उत्खनन कंपनी बीएचपी बिलिटन ने भारत में अपनी परियोजनाओं में भारी कमी की-(22-OCT-2013) C.A

| Tuesday, October 22, 2013

विश्व की सबसे बड़ी व ऑस्ट्रेलिया की उत्खनन कंपनी बीएचपी बिलिटन ने 21 अक्टूबर 2013 को भारत में चल रही तेल व गैस उत्खनन की दस परियोजनाओं में से नौ से स्वयं को अलग करने की घोषणा की. कंपनी ने रक्षा मंत्रालय से इन परियोजनाओं हेतु आवश्यक मंजूरी न मिलने के कारण परिचालन न शुरू कर पाने को इसका कारण बताया.
बीएचपी बिलिटन को भारत में जिन दस परियोजनाओं में से नौ से अपने को अलग किया, उन सभी का आवंटन नई उत्खनन और लाइसेंसिंग नीति (नेल्प) के तहत कंपनी को वर्ष 2008 से वर्ष 2010 के मध्य किया गया था.
कंपनी के अपने वक्तव्य के अनुसार इसने स्वयं को मुंबर्ई बेसिन के छह ब्लॉकों से स्वयं को अलग कर लिया है. ये सभी ब्लॉक वर्ष 2008 में नेल्प की 7वें दौर की नीलामी के दौरान आवंटित हुए थे जिसमें जीवीके की भी हिस्सेदारी थी. शेष तीन अन्य ब्लॉक जिनसे कंपनी स्वयं अलग कर रही है, उनका आवंटन नेल्प के आठवें दौर में किया गया था.
विश्लेषण
हाल ही में एक अन्य बड़ी खनन कंपनी पोस्को एवं आर्सेलरमित्तल ने भी भारत से अपने कारोबार को बंद करने की घोषणा की है. बड़ी बहुराष्ट्रीय खनन कंपनियों का भारत से पलायन या कारोबार को महत्वपूर्ण रूप से कम करना ऐसे समय में हो रहा है जबकि सरकार नेल्प के तहत 10वें दौर की नीलामी की तैयारियां कर रही है और तेल व गैस के आयात के व्यय को 20 प्रतिशत तक कम करने की बात कर रही है. सरकार ने तेल व गैस कार्यों हेतु विदेशी कंपनियों के प्रवेश को प्रोत्साहन देने की भी बात कह चुकी है. साथ ही, नेल्प के 9वें दौर की नीलामी में भी किसी भी विदेशी कंपनी ने भारत में कदम नहीं रखा था.
नई उत्खनन और लाइसेंसिंग नीति (नेल्प, New Exploration and Licensing Policy, NELP)
भारत सरकार द्वारा नई उत्खनन और लाइसेंसिंग नीति का आरंभ फरवरी 1999 में दौरान किया गया था. इसका उद्देश्य सार्वजनिक तथा निजी क्षेत्र की कंपनियों को हाइड्रोकार्बन के उत्खनन व उत्पादन हेतु एकसमान प्लेटफॉर्म उपलब्ध कराना था. इस नीति को हाइड्रोकार्बन महानिदेशालय (Directorate General of Hydrocarbons, DGH) के तहत लागू किया गया. नेल्प के क्रियान्वयन को काफी बल तब मिला जब सरकार ने इस क्षेत्र 100 प्रतिशत प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) की अनुमति प्रदान कर दी. नेल्प के तहत सरकार समय-समय पर विभिन्न उत्खनन क्षेत्रों का आवंटन नीलामी के माध्यम से करती है. वर्ष 2012 के मध्य तक सरकार नौ बार नीलामी कर चुकी थी. पहली नीलामी 8 जनवरी 1999 में की गयी थी जबकि नौवीं नीलामी 15 अक्टूबर 2010 को की गयी.
बीएचपी बिलिटन (BHP Billitons)
बीएचपी बिलिटन ऑस्ट्रेलिया के मेलबोर्न स्थित उत्खनन तथा पेट्रोलियम क्षेत्र की एक एंग्लो-ऑस्ट्रेलियाई बहुराष्ट्रीय कंपनी है. कंपनी का एक मुख्य प्रबंधन कार्यालय ब्रिटेन के लंदन में भी है. कंपनी का राजस्व 72.226 बिलियन अमेरिकी डॉलर वर्ष 2012 में था. इसकी स्थापना 1860 में हुई थी. अपने राजस्व के कारण कंपनी को वर्ष 2011 में विश्व की सबसे बड़ी खनन कंपनी माना गया. यह कंपनी 25 देशों में कार्यरत है तथा इसके कर्मचारियों की संख्या 41000 से आस-पास है.




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