केंद्रीय
मंत्रिमंडल ने सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील इलेक्ट्रानिक व दूरसंचार उपकरणों की
आपूर्ति पर लागू होने वाली तरजीही बाजार पहुंच (पीएमए) नीति को मंजूरी प्रदान की.
इसी के साथ ही केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में कुछ बिजली उपकरण सर्विस सेंटर स्थापित करने के लिए चीन के साथ प्रारंभिक समझौते पर हस्ताक्षर करने को भी मंजूरी प्रदान की. ये केंद्र बिजली उत्पादन कंपनियों की उपकरण मरम्मत की जरूरतों को पूरा करेंगे. केंद्रीय मंत्रिमंडल ने यह मंजूरी 17 अक्टूबर 2013 को दी.
प्रधानमंत्री कार्यालय ने जुलाई 2013 में सूचना प्रौद्योगिकी व दूरसंचार मंत्रालय से इस ढांचे पर नए सिरे से काम करने और निजी क्षेत्र के खरीदे जाने वाले दूरसंचार उपकरणों व अन्य प्रौद्योगिकी उत्पादों को इस नीति से अलग करने को कहा था.
तरजीही बाजार पहुंच नीति के मुख्य उद्देश्य
तरजीही बाजार पहुंच (पीएमए) नीति का मुख्य उद्देश्य देश में विनिर्मित उपकरणों की खरीद को प्रोत्साहित करना है.
विश्लेषण
तरजीही बाजार पहुंच (पीएमए) नीति के कार्यान्वयन से देश में विनिर्माण उद्योग की वृद्धि प्रभावित होगी और यह देश के दूरसंचार क्षेत्र की वृद्धि में बाधक होगी.
विदित हो कि मंत्रिमंडल के 2 फरवरी 2012 को मंजूर पीएमए नीति के पुराने संस्करण में देश के लिए सुरक्षा की दृष्टि से संवेदनशील इलेक्ट्रानिक्स उत्पादों के मामले में घरेलू स्तर पर विनिर्मित उत्पादों को प्राथमिकता देने को कहा था. इसके दायरे में सरकारी व निजी क्षेत्र दोनों थे. इस नीति का अमेरिकी समूहों ने पुरजोर विरोध किया था.
हालांकि अमेरिकी सरकार ने खुद ही सुरक्षा कारणों व साइबर जासूसी के जोखिमों की वजह से चीन से प्रौद्योगिकी उत्पादों का आयात सीमित कर दिया है.
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