सीडीएससीओ ने सिनरियाम नामक दवा को भारत में विनिर्मित करने और विपणन की मंजूरी दी-(22-OCT-2013) C.A

| Tuesday, October 22, 2013
भारत सरकार के केन्द्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (Central Drugs Standard Control Organisation, सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन, सीडीएससीओ) ने मलेरिया की दवा सिनरियाम” (Synriam) को देश में विनिर्मित करने और विपणन करने की मंजूरी 21 अक्टूबर 2013 प्रदान की. सिनरियाम” (Synriam) नामक दवा रैनबैक्सी लेबोरेटरीज लिमिटेड (Ranbaxy Laboratories Limited) द्वारा विनिर्मित की जानी है. सिनरियाम” (Synriam) का प्रयोग प्लाज्मोडियम विवैक्स परजीवी (Plasmodium vivax parasite) द्वारा फैले मलेरिया के इलाज में किया जाता है.

रैनबैक्सी लेबोरेटरीज लिमिटेड 
रैनबैक्सी लेबोरेटरीज लिमिटेड वैश्विक स्तर की (बहुराष्ट्रीय) दवा निर्माता कम्पनी है. यह डायची सैंक्यो समूह (Daiichi Sankyo Group) की सदस्य है. डायची सैंक्यो समूह का मुख्यालय जापान की राजधानी टोक्यो में है. 
 
मलेरिया 
मलेरिया एक वाहक-जनित संक्रामक रोग है, जो प्रोटोज़ोआ परजीवी द्वारा फैलता है. यह मुख्य रूप से अमेरिका, एशिया और अफ्रीका महाद्वीपों के उष्ण तथा उपोष्ण कटिबंधी क्षेत्रों में फैला हुआ है. यह रोग प्लाज्मोडियम (Plasmodium) गण के प्रोटोज़ोआ परजीवी के माध्यम से फैलता है. केवल चार प्रकार के प्लाज्मोडियम परजीवी मनुष्य को प्रभावित करते है. इनमें से सर्वाधिक खतरनाक प्लाज्मोडियम फैल्सीपैरम (Plasmodium falciparum) तथा प्लाज्मोडियम विवैक्स (Plasmodium vivax) होते हैं, साथ ही प्लाज्मोडियम ओवेल (Plasmodium ovale) तथा प्लाज्मोडियम मलेरिये (Plasmodium malariae) भी मानव को प्रभावित करते हैं. इस सारे समूह को 'मलेरिया परजीवी' कहते हैं. मलेरिया के परजीवी का वाहक मादा एनोफ़िलेज़ (Anopheles) मच्छर है. इसके काटने पर मलेरिया के परजीवी लाल रक्त कोशिकाओं में प्रवेश कर के बहुगुणित होते हैं जिससे रक्तहीनता (एनीमिया) के लक्षण उभरते हैं. मलेरिया संक्रमण का इलाज कुनैन या आर्टिमीसिनिन जैसी मलेरियारोधी दवाओं से किया जाता है यद्यपि दवा प्रतिरोधकता के मामले तेजी से सामान्य होते जा रहे हैं.
 
विदित हो कि रैनबैक्सी लेबोरेटरीज लिमिटेड ने देश में प्लाज्मोडियम फाल्सीपेरम (uncomplicated Plasmodium falciparum) मलेरिया के उपचार के लिए Synriam ™ का प्रारम्भ वर्ष 2012 में किया था. इसके बाद से, इस दवा से लगभग एक लाख रोगियों का सफल उपचार किया गया. कंपनी ने दवा के प्रारम्भिक निर्माण (paediatric formulation) के तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण को संचालित करने के लिए भी अनुमति प्राप्त कर ली है.




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