तुर्की ने एशिया और यूरोप को जोड़ने वाले विश्व के प्रथम भूमिगत रेल संपर्क की शुरूआत की-(31-OCT-2013) C.A

| Thursday, October 31, 2013
तुर्की ने एशिया और यूरोप को जोड़ने वाले दुनिया के पहले रेल सुरंग (भूमिगत रेल संपर्क) की शुरूआत 29 अक्टूबर 2013 को (तुर्की गणराज्य की 90वीं वर्षगांठ के अवसर पर) की. रेल सुरंग का उद्घाटन जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे और रोमानिया के प्रधानमंत्री विक्टर पोंटा के साथ तुर्की के राष्ट्रपति रेचप तैयब एर्दोगान ने किया. इस रेल सुरंग का नाम बोसपोरस है. यह रेल सुरंग यूरोपीय संघ और जापान के सहयोग से बनाई गई है.
 
इस रेल सुरंग की लम्बाई 13.6  किलोमीटर है. सुरंग का 1.4 किलोमीटर हिस्सा बोसपोरस के समुद्र में बना है. यह बॉस्फोरस जलडमरूमध्य में करीब 60 मीटर गहराई पर बनाया गया है. यह जलडरूमध्य काला सागर को मारमरा सागर से जोड़ता है. 

यह दुनिया की सबसे गहरी रेल सुरंग है. इसका निर्माण वर्ष 2005 में शुरू हुआ था और इसे चार वर्ष में पूरा कर लिया जाना था, लेकिन कुछ महत्वपूर्ण पुरातात्विक खोजों की वजह से इसमें विलंब हो गया. इंजीनियरों को वहां चौथी शताब्दी का बंदरगाह मिला.

सुरंग चीन को सीधे पश्चिमी यूरोप के बाजारों से जोड़ेगी. इसे आधुनिक दौर का रेल सिल्क रूट कहा जा रहा है.

तुर्की के परिवहन मंत्री बिनाली यिल्दीरिम ने बताया कि यह सुरंग 9 तीव्रता के भूकंप को झेलने में सक्षम है. उन्होंने कहा कि यह इस्तांबुल में सबसे सुरक्षित जगह है. यह भूकंप की आशंका वाला क्षेत्र है. सुरंग के ट्यूब को लचीले जोडों से जोड़ा गया है ताकि वे जबरदस्त झटकों को झेल सकें.

यह रेल लिंक उन परियोजनाओं में से एक है जिन्होंने अर्थव्यवस्था को तो मजबूती दी है, लेकिन इनके कारण देश की अवाम में काफी गुस्सा पैदा हो गया है. 

विदित हो कि आटोमन सुल्तान अब्दुल मजीद ने लगभग 150 वर्ष पहले ऐसी सुरंग बनाने का प्रस्ताव रखा था. उनके उत्तराधिकारी अब्दुल हमीद ने वर्ष 1891 में इसका डिजाइन तैयार करवाया था, लेकिन इसे उस समय अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका.


Who: तुर्की
What: एशिया और यूरोप को जोड़ने वाले दुनिया के पहले रेल सुरंग
When: 29 अक्टूबर 2013


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