कैंसर ट्यूमर की स्टेम कोशिकाओं को नष्ट करने वाले प्रोटीन एसएफआरपी-4 की खोज-(21-OCT-2013) C.A

| Monday, October 21, 2013
प्रो. अरुण धर्मराजन (Professor Arunasalam Dharmarajan) ने सिक्रेटेड फ्रिजल्ड रिलेटिड प्रोटीन-4 (SFRP-4एसएफआरपी-4) नामक प्रोटीन की खोज की. यह प्रोटीन कैंसर ट्यूमर की स्टेम कोशिकाओं को नष्ट कर देता है और उन्हें फिर से विकसित होने से रोकता है. इसकी जानकारी 18 अक्टूबर 2013 को दी गई.

शोध परीक्षणों में पाया गया कि यह प्रोटीन सिक्रेटेड फ्रिजल्ड रिलेटिड प्रोटीन-4 (एसएफआरपी-4) कैंसर की स्टेम कोशिकाओं को कीमोथेरैपी के प्रति अधिक संवेदनशील और इससे उन्हें नष्ट करने में काफी मदद मिली. रिपोर्ट के अनुसार जब प्रोटीन को उपलब्ध दवाओं के साथ इस्तेमाल किया गया तो ट्यूमर के आकार को घटाने में इसके परिणाम दोगुने प्रभावी थे.इसी प्रकार के परिणाम सिर, गर्दन, स्तन, गर्भाशय, प्रोस्टेट तथा अन्य प्रकार के कैंसर के उपचार में प्राप्त किए जा सकते हैं.
 
इस शोध अध्ययन में भारत के बेंगलुरु स्थित मणिपाल विश्वविद्यालय के इंस्टीट्यूट आफ रिजेनरेटिव मेडिसिन विभाग के शोधार्थियों ने भी सहयोग किया.
 
प्रो. अरुण धर्मराजन से सम्बंधित तथ्य 
प्रो. अरुण धर्मराजन भारतीय मूल के एक आस्ट्रेलियाई वैज्ञानिक हैं.
प्रो. अरुण धर्मराजन ने स्नातक और परास्नातक (M.Sc.) की शिक्षा यूनिवर्सिटी आफ मद्रास, भारत से ग्रहण की. 
वर्ष 1985 में उन्होंने यूनिवर्सिटी आफ वेस्टर्न पर्थ, आस्ट्रेलिया से पीएचडी की. 
वह पीएचडी करने के बाद अमेरिका के बाल्टीमोर स्थित जान हापकिंस यूनिवर्सिटी में वर्ष 1994 तक कार्य किया. 
प्रो. अरुण धर्मराजन वर्ष 2001 से पर्थ स्थित यूनिवर्सिटी आफ वेस्टर्न आस्ट्रेलिया के स्कूल आफ एनाटामी एंड ह्यूमन बायोलोजी विभाग में प्रोफेसर हैं. 
आस्ट्रेलिया के स्कूल आफ एनाटामी एंड ह्यूमन बायोलोजी विभाग में प्रोफेसर के साथ ही वह साउथ एशिया रिसर्च इनीशिएटिव फार स्कूल आफ बायोमेडिकल साइंस के कोआर्डिनेटर हैं.
भारत के कई विश्वविद्यालयों और संस्थानों में स्टेम कोशिका संबंधी रिसर्च शुरू कराने में भी प्रो. धर्मराजन सहयोगी रहे हैं. 
वह अमेरिकन एसोशिएसन आफ कैंसर रिसर्च, इंडियन एसोसिएशन आफ इंडियन रिसर्च, आस्ट्रेलियन सोसायटी आफ मेडिकल साइंस, आस्ट्रेलियन न्यूजीलैंड सोसायटी फार माइक्रोसर्कुलेशन के सदस्य हैं. 
अरुण के कई रिसर्च पेपर विश्व के तमाम विज्ञान जरनलों में छप चुके हैं.




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