मनुष्य
में कैंसर का सबसे बड़ा कारण वायु प्रदूषण है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ)
की कैंसर पर अनुसंधान के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसी (International
Agency for Research on Cancer, आईएआरसी) मोनोग्राफ कार्यक्रम
द्वारा जुटाए गए प्रमाणों के आधार पर विशेषज्ञों ने पाया है कि वायु प्रदूषण से
फेंफड़े का कैंसर हो रहा है. मौजूदा वैज्ञानिक साहित्य की समीक्षा करने के बाद
विशेषज्ञों ने यह भी पाया कि वायु प्रदूषण से रक्त कैंसर का खतरा भी बढ़ता है. यह
जानकारी फ़्रांस में 17 अक्टूबर 2013 को
दी गई.
आईएआरसी मोनोग्राफ सेक्शन के प्रमुख डॉक्टर कर्ट स्ट्रैफ ने कहा, 'हम जिस हवा में सांस लेते हैं वह कैंसर पैदा करने वाले तत्वों से प्रदूषित हो चुकी है. हम जानते हैं कि वायु प्रदूषण न सिर्फ सामान्य स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है, बल्कि यह कैंसर से होने वाली मौतों के लिए भी जिम्मेदार पर्यावरणीय कारणों में से एक है.'
वायु प्रदूषण के संबंध में वैज्ञानिकों ने अलग से अध्ययन किया जिसमें उन्होंने पाया कि मानव में कैंसर का एक कारण वायु प्रदूषण भी है.
विदित हो कि वर्ष 2010 के आंकड़ों के अनुसार विश्व में फेंफड़े के कैंसर से होने वाली मौतों में 223000 वायु प्रदूषण के कारण होती हैं.
आईएआरसी मोनोग्राफ सेक्शन के प्रमुख डॉक्टर कर्ट स्ट्रैफ ने कहा, 'हम जिस हवा में सांस लेते हैं वह कैंसर पैदा करने वाले तत्वों से प्रदूषित हो चुकी है. हम जानते हैं कि वायु प्रदूषण न सिर्फ सामान्य स्वास्थ्य के लिए बड़ा खतरा है, बल्कि यह कैंसर से होने वाली मौतों के लिए भी जिम्मेदार पर्यावरणीय कारणों में से एक है.'
वायु प्रदूषण के संबंध में वैज्ञानिकों ने अलग से अध्ययन किया जिसमें उन्होंने पाया कि मानव में कैंसर का एक कारण वायु प्रदूषण भी है.
विदित हो कि वर्ष 2010 के आंकड़ों के अनुसार विश्व में फेंफड़े के कैंसर से होने वाली मौतों में 223000 वायु प्रदूषण के कारण होती हैं.
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