भारत और चीन के मध्य सीमा रक्षा सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर-(25-OCT-2013) C.A

| Friday, October 25, 2013
भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की चीन की 3 दिवसीय यात्रा 24 अक्टूबर 2013 को संपन्न हो गई. इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के मध्य सीमा रक्षा सहयोग समझौता (Border Defence Cooperation Agreement, बीडीसीए) सहित 9 समझौतों पर 23 अक्टूबर 2013 को हस्ताक्षर किए गए.
 
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और चीन के प्रधानमंत्री ली खुछियांग के बीच विस्तृत बातचीत के बाद सीमा रक्षा सहयोग समझौते (Border Defence Cooperation Agreement, बीडीसीए) पर हस्ताक्षर किए गए. इस समझौते के मुख्य प्रावधान निम्नलिखित हैं.
• भारत-चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा के बारे में आम सहमति न होने वाले क्षेत्रों में एक-दूसरे के गश्तीदलों का पीछा नहीं करने पर सहमति.  
• वास्तविक नियंत्रण रेखा के बारे में आम सहमति न होने वाले सीमावर्ती क्षेत्रों में किसी पक्ष की कोई गतिविधि के बारे में शंका होने की स्थिति में दोनों पक्षों को अन्‍य पक्ष से स्‍पष्‍टीकरण मांगने का अधिकार है. 
• सीमा रक्षा सहयोग समझौते के तहत दोनों देशों के सेना मुख्यालयों के बीच हॉटलाइन स्थापित करने का प्रावधान. 
• चार हजार किलोमीटर लम्बी वास्तविक नियंत्रण रेखा के सभी सेक्टरों पर तैनात जवानों के लिए बैठक स्थल बनाये जाने का प्रावधान.
• दोनों देशों के मध्य नियमित आधार पर सेना के संयुक्‍त सैनिक प्रशिक्षण अभ्यास आयोजित करने का प्रावधान.  
•दोनों पक्षों इस बात पर भी सहमत हुए हैं कि यदि दोनों पक्षों की सीमावर्ती रक्षा सेनाएं ऐसे क्षेत्रों में टकराव की स्थिति में आती हैं जहां वास्तविक नियंत्रण रेखा के बारे में आम सहमति नहीं है, तो दोनों पक्ष सर्वाधिक आत्‍म संयम बरतेंगे, उकसाने की कोई कार्रवाई नहीं करेंगे और दूसरे पक्ष के विरूद्ध न शक्ति का प्रयोग करेंगे और नहीं शक्ति का प्रयोग करने की धमकी देंगे, एक दूसरे के साथ विनम्रतापूर्ण व्‍यवहार करेंगे और गोलीबारी या सशस्‍त्र संघर्ष का परिहार करेंगे.
• दोनों पक्ष इस समझौते को वास्तविक नियंत्रण रेखा के रेखांकन तथा सीमा के प्रश्‍न पर अपनी-अपनी स्थिति से ऊपर उठकर लागू करेंगे.
• दोनों पक्ष भारत-चीन सीमा क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ-साथ शांति और स्थिरता बनाये रखने के अनुकूल उपायों के साथ-साथ सैनिक अभ्‍यास, विमान, ढहाने की कार्यवाही और गैर-चिह्नित खानों के बारे में जानकारी का आदान-प्रदान.
• हथियारों, वन्‍य जीवों, वन्‍य जीव के अंगों की तस्‍करी और अन्‍य वर्जित व्‍यापार को मिलकर समाप्‍त करना.
• भारत-चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण की रेखा को पार करने की प्रक्रिया में शामिल व्‍यक्तियों, पशुओं और परिवहन तथा विमानों का पता लगाने में अन्‍य पक्ष की सहायता करना.
• प्राकृतिक आपदाओं अथवा संक्रामक रोगों, जो दूसरे देश में फैल सकते हैं, को नियंत्रित करने में दूसरे पक्ष के साथ काम करना.
• चीन के संबद्ध सैनिक क्षेत्रों और भारत की सेना कमानों के अधिकारियों तथा सैनिक कार्रवाई से संबंधित विभागों के अधिकारियों के बीच समय-समय पर बैठकों का आयोजन. 
• भारत सरकार और चीन जन-गणराज्‍य के राष्‍ट्रीय रक्षा मंत्रालय के प्रतिनिधियों के बीच समय-समय पर बैठकें.
• भारत चीन सीमा संबंधी मामलों के बारे में परामर्श और सहयोग के संचालन अधिकारियों की बैठकें.
• भारत-चीन वार्षिक रक्षा वार्ता संबंधी बैठकें.
• दोनों पक्षों के बीच आपसी सलाह-मशवरे से विशिष्‍ट व्‍यवस्‍थाओं के बारे में निर्णय लेने का प्रावधान. 
•एक-दूसरे पर सैन्य कार्रवाई नहीं करने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई. 

यह समझौता हस्‍ताक्षर किये जाने की तिथि से लागू हो गया. इसे दोनों पक्षों की सलाह से संशोधित अथवा समाप्‍त किया जा सकता है. दोनों पक्षों द्वारा आपसी सहमति से किया गया कोई संशोधन इस समझौते का अभिन्‍न अंग होगा.

विदित हो कि भारत और चीन के मध्य सीमावर्ती क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ शांति बनाये रखने के बारे में समझौते की भावना को साकार रूप देने के महत्‍व को स्‍वीकार करते हुए 7 सितंबर 1993 को एक समझौता हुआ था.
 
29 नवंबर 1996 को भी भारत चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा से लगते हुए सैनिक क्षेत्र में विश्‍वास पैदा करने के उपायों पर समझौता हुआ था. 
इसके बाद 11 अप्रैल 2005 को भारत चीन सीमावर्ती क्षेत्रों में वास्तविक नियंत्रण रेखा के साथ सैनिक क्षेत्र में विश्‍वास पैदा करने के उपायों को लागू करने के तौर-तरीकों पर भी दोनों देशों के बीच एक समझौते पर हस्‍ताक्षर किये गये थे. 

दोनों देशों ने 17 जनवरी 2012 को भी भारत चीन सीमा से संबंधित मामलों के बारे में सलाह-समन्वय करने के लिए एक काम-काजी व्‍यवस्‍था तैयार करने के लिए भी समझौते पर हस्‍ताक्षर किये गये.