नरेन्द्र मोदी ने गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री के रूप में वर्ष 2012 में करीब 1200 करोड़ वाली इस योजना का शिलान्यास किया था. इसके पहले चरण के तहत 10 जलाशयों को भरा जाना है.
इस परियोजना के जरिए 10 लाख 22 हजार एकड़ भूमि को खेती के लिए पानी मिलेगा.
इस प्रोजेक्ट के तहत 1,126 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाई जाएगी, जिससे नर्मदा का पानी सौराष्ट्र के 115 बांधों को पाइपलाइन के जरिए पहुंचाया जाएगा.
राज्य सरकार के सिंचाई विभाग की इस योजना के तहत करीब तीन मीटर व्यास वाली पाइपलाइन के जरिये विभिन्न अहम डैम को आपस में जोड़ेगा. इसका पहला लिंक 180 किमी, दूसरा 253, तीसरा 245 और चौथा 250 किमी लंबा होगा.
इन बड़ी पाइपलाइन से छोटे व्यास वाले पाइप का जोड़ा जायेगा जो नर्मदा के अतरिक्त जल को वहां से अन्य छोटे जलाशयों तक पहुंचायेगा.
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