असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल ने 8 सितम्बर 2016 को असम जिले के रूप में माजुली जिले का उद्घाटन किया. असम के माजुली द्वीप को राज्य के 35वें जिले का दर्जा मिला. यह देश का पहला द्वीप जिला बन गया है.
माजुली जिले का उद्घाटन संगीतकार एवं दादा साहेब फाल्के पुरस्कार से सम्मानित भूपेन हजारिका की 90वीं पुण्यतिथि पर आयोजित किया गया.
हाल ही में 1 सितम्बर 2016 को माजुली सबसे बड़े नदी द्वीप के रूप में गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में शामिल किया गया था.
माजुली द्वीप से संबंधित मुख्य तथ्य:
भौगोलिक विशेषताएं: माजुली एशिया में नदी के बीच सबसे बड़ा द्वीप है. गुवाहाटी से करीब 400 किलोमीटर दूर ब्रह्मापुत्र नदी के बीच स्थित माजुली 1250 वर्ग किलोमीटर में यह फैला हुआ है.
- इस द्वीप का निर्माण ब्रहमपुत्र नदी के दक्षिण में हुआ था तथा इसके उत्तर में खेरकुटिया नदी द्वारा इसका निर्माण हुआ.
- यहाँ की आबादी 1.67 लाख के करीब है, और करीबी शहर जोरहाट से जलमार्ग से जुड़ा हुआ है.
- माजुली जोरहाट जिले के उत्तरी भाग में स्थित है और ब्रह्मपुत्र नदी के द्वारा मुख्य भूमि से अलग है.
वैष्णव सांस्कृतिक केंद्र: माजुली द्वीप नव-वैष्णव संस्कृति का केन्द्र रहा है, और नव-वैष्णव विचारधारा असमिया संत महापुरुष श्रीमंत शंकरदेव और उनके शिष्य माधवदेव ने 15वीं सदी के आसपास शुरू हुआ था.
- माजुली की आबादी में असमिया के अन्य जाति और उपजाति जैसे- कलिता, कोंच, नाथ, अहोम, चुतिया, मटक और ब्राह्मण भी हैं.
जलवायु:
- गर्मी: माजुली में गर्मी के मौसम मार्च से जुलाई अंत तक होता है. इस समय यहाँ काफी गर्मी होती है.
- मानसून: माजुली में मानसून का मौसम जुलाई के आसपास शुरू होता है और अगस्त तक रहता है, और इस समय बाढ़ का तांडव अपने चरम सीमा पर होता है.
- सर्दी: सर्दियों के मौसम नवंबर से शुरू होता है और फरवरी तक रहता है. बारिश कम या नहीं के बराबर होती है. प्रमुख उत्सव तथा त्योहारों को सर्दियों के मौसम में आयोजित किया जाता हैं जब मौसम शांत और सुखद होता है.
आर्थिक स्रोत: माजुली में उगाई जाने वाली मुख्य फसलें जैसे की चावल, मक्का, गेहूं, काला चना, सब्जियां, फल, कपास, जूट, अरंडी, गन्ना इत्यादि होते हैं.
मुखौटा बनाना भी यहाँ कमाई का एक स्रोत है. वे नाटक, रास उत्सवों में इस्तेमाल होने वाले मुखौटों की माजुली से बाहर भी आपूर्ति की जाती है.
मुखौटा बनाना भी यहाँ कमाई का एक स्रोत है. वे नाटक, रास उत्सवों में इस्तेमाल होने वाले मुखौटों की माजुली से बाहर भी आपूर्ति की जाती है.
मार्च 2011 में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की सूची में इस द्वीप को मनोनीत करने का प्रस्ताव रखा है
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