जीएसटी विधेयक को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने मंजूरी प्रदान की-(11-SEP-2016) C.A

| Sunday, September 11, 2016
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने 8 सितंबर 2016 को संविधान के 122वें संशोधन (जीएसटी बिल-2014) को मंजूरी प्रदान की. इस संशोधन को संविधान के अनुच्छेद 111 के अनुसार मंजूरी प्रदान की गयी. 

राष्ट्रपति की मंजूरी के बाद यह विधेयक वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के नाम से जाना जायेगा तथा इसी के अनुसार कर मूल्य, सेस तथा अन्य उपकर लगाये जायेंगे. वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में बनाई गयी काउंसिल में राज्यों के वित्त मंत्री भी भाग लेंगे.

अभी तक केंद्र एवं राज्य सरकारों को केंद्र एवं राज्य जीएसटी के लिए पृथक सेवा कर बनाने होते हैं जिसे संसद के शीत सत्र में पारित किया जाता है. अब केंद्र एवं राज्य के जीएसटी विधेयकों को जीएसटी कानून के अनुरूप तैयार किया जायेगा.

इसके अतिरिक्त, राज्य मामूली बदलाव के साथ अपना पृथक जीएसटी बनायेंगे जिसमें राज्य आधारित छूट भी प्रदान की जाएगी.
वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी)

जीएसटी एकल अप्रत्यक्ष कर है जिसमें केंद्र एवं राज्य कर शामिल हैं जैसे - वैल्यू एडेड टैक्स (वैट), उत्पाद शुल्क, सेवा कर, केंद्रीय बिक्री कर, अतिरिक्त सीमा शुल्क और सीमा शुल्क की विशेष अतिरिक्त शुल्क.
लोकसभा ने जीएसटी (122वां संविधान संशोधन) विधेयक पारित किया    

पृष्ठभूमि

अगस्त 2016 में संसद के दोनों सदनों द्वारा विधेयक पारित कर दिया था एवं 19 राज्यों के समर्थन के बाद इसे राष्ट्रपति के पास भेज दिया गया. अब इस विधेयक को 50 प्रतिशत राज्यों की विधानसभा में समर्थन प्राप्त करना होगा. 

जिन राज्यों इसे समर्थन दिया उनमें असम (पहला राज्य), बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, दिल्ली, नागालैंड, महाराष्ट्र, हरियाणा, सिक्किम, मिजोरम, तेलंगाना, गोवा, उड़ीसा, राजस्थान, अरुणाचल प्रदेश और आंध्र प्रदेश शामिल हैं.

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