केन्द्रीय आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद एवं सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने 7 सितम्बर 2016 को डिजिटल लॉकर एप का शुभारंभ किया.
अब ड्राइविंग करते समय लाइसेंस और वाहन की आरसी साथ रखने की जरूरत नहीं होगी क्योंकि लाइसेंस और आरसी की पुष्टि डिजीलॉकर ऐप के जरिए हो सकेगी.
इस एप में सारे दस्तावेजों की सॉफ्ट कॉपी मौजूद होगी. इन सॉफ्ट कॉपी का वेरिफिेकेशन जांच अधिकारी उसके पास उपलब्ध ऐप से करेगा.
डिजीलॉकर क्या है?
डिजीलॉकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के डिजिटल इंडिया प्रोग्राम का अहम हिस्सा है. इस वेब सेवा से आप जन्म प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, शैक्षणिक प्रमाण पत्र या अन्य अहम दस्तावेजों को मुफ्त में ऑनलाइन स्टोर कर के रख सकते है.
यह सुविधा पाने के लिए बस आपके पास आधार कार्ड होना अनिवार्य है. डिजिटल लॉकर सरकार की ओर से जारी दस्तावेजों तक सुरक्षित पहुंच मुहैया उपलब्ध कराएगा.
डिजीलॉकर का इस्तेमाल:
डिजिटल लॉकर पर अकाउंट बनाने के लिए आपको आधार कार्ड नंबर होना चाहिए और इसको लिंक मोबाइल नंबर से करते है, जैसे ही आधार नंबर एंटर करेंगे, सिस्टम आपको आपके रजिस्ट्रर्ड मोबाइल नंबर पर वन टाइम पासवर्ड भेजेगा. इसके साथ ही आपको अपना ईमेल आईडी भी कन्फर्म कराना पड़ेगा. इसके बाद ही डिजिलॉकर में लॉग इन कर पाएंगे. यहां आप अपने सभी दस्तावेजों को माई सर्टिफिकेशन सेक्शन में अपलोड कर सकते हैं.
डिजीलॉकर का फायदा:
डिजिलॉकर के इस्तेमाल से डॉक्यूमेंट्स की हार्ड कॉपी रखने से बच सकते हैं.
यदि कोई डॉक्यूमेंट खो जाता है और डिजिटल लॉकर में उसे पहले से सेव कर के रखा है तो उस समय डिजिटल लाकर बहुत मददगार साबित हो सकता है.
इस सुविधा के शुरू होने के साथ ही पैन कार्ड, पासपोर्ट, मार्क शीट्स, डिग्री सर्टिफिकेट्स जैसे बहुत सारे डॉक्युमेंट्स सुरक्षित हो जाएंगे.
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