विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 6 सितम्बर 2016 को भारत को देश से त्वचा और हड्डियों का रोग याज तथा मातृ और नवजात टिटनेस (एमएनटी) को समूल समाप्त करने का प्रमाण पत्र प्रदान किया.
यह प्रमाण पत्र केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जे पी नड्डा को कोलंबो में विश्व स्वास्थ्य संगठन की क्षेत्रीय समिति के 69वें अधिवेशन में प्रदान किया गया.
इसके साथ ही भारत अधिकृत रूप से याज तथा मातृ और नवजात टिटनेस मुक्त देश बन गया.
इसके साथ ही भारत अधिकृत रूप से याज तथा मातृ और नवजात टिटनेस मुक्त देश बन गया.
स्वास्थ्य मंत्री नड्डा ने यह प्रमाणपत्र विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक मारग्रेट चान और दक्षिण पूर्व एशियाई क्षेत्र की महानिदेशक पूनम खेत्रपाल सिंह से प्राप्त किया.
इस वर्ष मई माह में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने भारत को याज बीमारी से मुक्त घोषित किया था.
सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या टिटनेस के उन्मूलन का आशय है कि भारत में अब मातृ एवं नवजात टिटनेस की वार्षिक दर 1 प्रति 1000 नवजात जन्म से भी कम है.
याज के बारे में-
• याज एक क्रोनिक बैक्टीरियल संक्रमण है जो त्वचा, हड्डियों और उपास्थि जोड़ों को प्रभावित करता है.
• यह किसी भी संक्रमित व्यक्ति के घाव और तरल पदार्थ के साथ सीधे संपर्क से फैलता है.
• साथ-साथ खेलने से बच्चों के बीच यह रोग फैलना सबसे आम है.
• यह रोग केवल मनुष्यों को ही संक्रमित करता है.
नवजात टिटनेस के बारे में-
• नवजात टिटनेस का सामान्यीकरण टिटनेस कि नवजात शिशुओं में होता है.
• जिन नवजात शिशुओं को मां से भरपूर प्रतिरक्षण नहीं मिलता है, उनमें प्रतिरोधक क्षमता की कमी के कारण टिटनेस का खतरा रहता है.
• आम तौर पर यह उचित देख - रेख के अभाव में नाल की स्टंप के संक्रमण के माध्यम से होता है, मुख्य रूप से जब स्टंप जीवाणुयुक्त यंत्र से काट दिया जाता है.
• यह रोग ज्यादातर विकासशील देशों, विशेष रूप से कम विकसित देशों जहाँ स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचा मजबूत नहीं है, के लोगों में होता है.
• विकसित देशों में यह दुर्लभ है.
पृष्ठभूमि-
• यह किसी भी संक्रमित व्यक्ति के घाव और तरल पदार्थ के साथ सीधे संपर्क से फैलता है.
• साथ-साथ खेलने से बच्चों के बीच यह रोग फैलना सबसे आम है.
• यह रोग केवल मनुष्यों को ही संक्रमित करता है.
नवजात टिटनेस के बारे में-
• नवजात टिटनेस का सामान्यीकरण टिटनेस कि नवजात शिशुओं में होता है.
• जिन नवजात शिशुओं को मां से भरपूर प्रतिरक्षण नहीं मिलता है, उनमें प्रतिरोधक क्षमता की कमी के कारण टिटनेस का खतरा रहता है.
• आम तौर पर यह उचित देख - रेख के अभाव में नाल की स्टंप के संक्रमण के माध्यम से होता है, मुख्य रूप से जब स्टंप जीवाणुयुक्त यंत्र से काट दिया जाता है.
• यह रोग ज्यादातर विकासशील देशों, विशेष रूप से कम विकसित देशों जहाँ स्वास्थ्य के बुनियादी ढांचा मजबूत नहीं है, के लोगों में होता है.
• विकसित देशों में यह दुर्लभ है.
पृष्ठभूमि-
• भारत वैश्विक लक्ष्य की तय समय-सीमा दिसंबर 2015 के पहले ही अप्रैल 2015 में मातृ एवं नवजात टिटनेस उन्मूलन (एमएनटीई) में सफलता हासिल कर ली.
• इससे पहले भारत पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम में सफलता हासिल कर चुका है.
• भारत दुनिया के उन 174 देशों में शामिल हो गया है, जिन्होंने टिटनेस पर काबू पाने में सफलता हासिल की है.
• भारत ने वैश्विक लक्ष्य की वर्ष 2020 से पहले याज-मुक्त लक्ष्य हासिल कर लिया, यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.
• मातृ एवं नवजात टिटनेस उन्मूलन (एमएनटीई) (MNTE) भारत के ध्यान केंद्रित दृष्टिकोण का परिणाम है. भारत में मातृ एवं नवजात शिशु की देखभाल सभी के लिए सुलभ बनाया गया.
• देश के सभी 675 जिलों में मातृ एवं नवजात टिटनेस के लक्ष्य को एक केस प्रति 1000 नवजात तक कम करने में सबसे कमजोर आबादी वाले क्षेत्रों में टीकाकरण, प्रसव पूर्व देखभाल सेवाओं के कारण किया जा सका.
• दोनों याज और मातृ एवं नवजात टिटनेस उन्मूलन मौजूदा स्वास्थ्य व्यवस्था और स्वास्थ्य कर्मचारियों की संख्या का उपयोग कर प्राप्त किया गया.
• मई 2016 में विशेषज्ञों की टीम के सत्यापन बाद भारत को रोग संचरण की रोकथाम याज मुक्त देश प्रमाणित किया गया.
• 2012 में डब्ल्यूएचओ ने भारत को एनटीडी (NTD) याज को खत्म करने वाला पहला देश प्रमाणित किया.
• इससे पहले भारत पोलियो उन्मूलन कार्यक्रम में सफलता हासिल कर चुका है.
• भारत दुनिया के उन 174 देशों में शामिल हो गया है, जिन्होंने टिटनेस पर काबू पाने में सफलता हासिल की है.
• भारत ने वैश्विक लक्ष्य की वर्ष 2020 से पहले याज-मुक्त लक्ष्य हासिल कर लिया, यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है.
• मातृ एवं नवजात टिटनेस उन्मूलन (एमएनटीई) (MNTE) भारत के ध्यान केंद्रित दृष्टिकोण का परिणाम है. भारत में मातृ एवं नवजात शिशु की देखभाल सभी के लिए सुलभ बनाया गया.
• देश के सभी 675 जिलों में मातृ एवं नवजात टिटनेस के लक्ष्य को एक केस प्रति 1000 नवजात तक कम करने में सबसे कमजोर आबादी वाले क्षेत्रों में टीकाकरण, प्रसव पूर्व देखभाल सेवाओं के कारण किया जा सका.
• दोनों याज और मातृ एवं नवजात टिटनेस उन्मूलन मौजूदा स्वास्थ्य व्यवस्था और स्वास्थ्य कर्मचारियों की संख्या का उपयोग कर प्राप्त किया गया.
• मई 2016 में विशेषज्ञों की टीम के सत्यापन बाद भारत को रोग संचरण की रोकथाम याज मुक्त देश प्रमाणित किया गया.
• 2012 में डब्ल्यूएचओ ने भारत को एनटीडी (NTD) याज को खत्म करने वाला पहला देश प्रमाणित किया.
0 comments:
Post a Comment