भारत का पहला जैव सीएनजी ईंधन संयंत्र 13 अगस्त 2016 को पुणे महाराष्ट्र में शुभारंभ किया गया.
इस संयंत्र का उद्घाटन केंद्रीय रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर एवं केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग तथा पोत परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने संयुक्त रूप से किया जो कृषि अवशेषों से सीएनजी का उत्पादन करता है.
इससे संबंधित मुख्य तथ्य:
• यह संयंत्र पुणे स्थित प्रिमोव इंजीनियरिंग प्राइवेट लि. द्वारा स्थापित किया गया है.
• यह संयंत्र प्रूफ ऑफ कांसेप्ट (Proof of Concept) की अवधारणा के रूप में स्थापित किया गया है. जिसे कहीं भी दोबारा बनाया जा सकता है.
• संयंत्र सीएनजी के उत्पादन की प्रक्रिया में कृषि अपशिष्टों के निदान के लिए विशेष जीवाणु शोधन (Bacterial Solution) प्रक्रिया का उपयोग करता है.
• इससे उत्पन्न गैस को वाहनों में इस्तेमाल के लिए साफ और कंप्रेस्ड किया जाता है.
• उल्लेखनीय है कि जैव ईंधन से 50 प्रतिशत डीजल के आयात को कम करने में मदद मिलेगी तथा विदेशी मुद्रा भी बचाया जा सकता है.
• यह ऊर्जा स्रोत कम लागत के साथ-साथ प्रदूषण मुक्त भी है.
• ज्ञात हो कि जैव-सीएनजी बायोगैस का शुद्धतम रूप है जिसमें से सभी अशुद्धियों को दूर करने के पश्चात 93 प्रतिशत मीथेन गैस होती है.
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