वैज्ञानिकों ने डीएनए में अतिरिक्त अक्षर संक्रमित करने वाला पहला जिंदा जीव रचा-(01-JUNE-2014) C.A

| Sunday, June 1, 2014
द स्क्रिप्स रिसर्च इंस्टिट्यूट (टीएसआरआई) के वैज्ञानिकों ने एक बैक्टीरियम की रचना की है, जिसकी आनुवंशिक सामग्री में डीएनए अक्षरों या आधारों का एक अतिरिक्त जोड़ा शामिल है, जो प्रकृति में नहीं पाया जाता. इस अद्वितीय बैक्टीरियम की कोशिकाएँ अप्राकृतिक डीएनए आधारों को तब तक के लिए कमोबेश सामान्य रूप से दोहरा देती हैं, जब तक कि उन्हें आणविक बिल्डिंग ब्लॉक्स सप्लाई किए जाते हैं. 
    
आम तौर पर डीएनए आधारों के A-T और C-G नामक दो जोड़े पृथ्वी पर जीवन को उसके पूरे वैविध्य में इनकोड करते हैं, जबकि नवनिर्मित बैक्टीरियम ऐसा जीव है, जो इन दो जोड़ों के साथ एक तीसरे, अप्राकृतिक आधारों के जोड़े को भी धारण करता है.     

नवनिर्मित डीएनए अक्षरों के साथ वैज्ञानिकों के निष्कर्ष   
वैज्ञानिकों के अनुसार यह समाधान दर्शाता है कि सूचना के भंडारण के लिए अन्य स्रोत भी संभव है और यह उन्हें विस्तारित-डीएनए जीवविज्ञान के और नजदीक भी ले गया. यह विस्तार उन्हें नई औषधियों से लेकर नैनो प्रौद्योगिकी की नई किस्मों तक कई अनुप्रयोगों की ओर अग्रसर करेगा.  

शोध-दल का नेतृत्व टीएसआरआई के एसोसिएट प्रोफेसर फ्लॉयड ई. रोमेसबर्ग ने किया.
रिपोर्ट के अग्रणी लेखक डेनिस ए. माल्यशेव हैं, जो रोमेसबर्ग लेबोरेटरी के सदस्य हैं.   

रोमेसबर्ग की अगुआई वाला दल ऐसे अणुओं का पता लगाने के लिए 1990 से काम कर रहा है, जो नए अतिरिक्त डीएनए आधारों का काम कर सकें और सिद्धांतत: अब तक अस्तित्व में न रहे प्रोटीनों और जीवों के लिए कोड कर सकें.
 
यह रिपोर्ट 'नेचर' नामक जर्नल के एक अग्रिम ऑनलाइन प्रकाशन में प्रकाशित हुई है.

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