लंदन के रॉयल एस्ट्रॉनॉमिकल सोसायटी ने 24 जून 2014 को पोर्ट्समाउथ में नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड
स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) के एटलास्ट (ATLAST) या
एडवांस्ड टेक्नोलोजी लार्ज एपर्चर स्पेस टेलीस्कोप का निर्माण करने की योजना का
अनावरण किया. एक बार बनने के बाद यह दुनिया की सबसे शक्तिशाली और सबसे बड़ी दूरबीन
होगी.
यह दूरबीन अन्य ग्रहों के वातावरण का विश्लेषण करने और एलियन के जीवन के अस्तित्व को ट्रैक करने में सक्षम हो जागी. दूरबीन 30 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित प्रजातियो को ट्रैक करनें में सक्षम होगी.
दूरबीन तैयार है और अंतरिक्ष में स्वयं स्थापित की जाएगी. दूरबीन के बड़े आकार के कारण दूरबीन को धरती से रॉकेट के माध्यम से अंतरिक्ष में भेजना संभव नहीं हैं.
दूरबीन स्थापित करने के लिए नासा अंतरिक्ष में ओरियन रॉकेट के माध्यम से अंतरिक्ष यात्रियों के एक समूह को अंतरिक्ष में भेजेगा.
यह दूरबीन अन्य ग्रहों के वातावरण का विश्लेषण करने और एलियन के जीवन के अस्तित्व को ट्रैक करने में सक्षम हो जागी. दूरबीन 30 प्रकाश वर्ष की दूरी पर स्थित प्रजातियो को ट्रैक करनें में सक्षम होगी.
दूरबीन तैयार है और अंतरिक्ष में स्वयं स्थापित की जाएगी. दूरबीन के बड़े आकार के कारण दूरबीन को धरती से रॉकेट के माध्यम से अंतरिक्ष में भेजना संभव नहीं हैं.
दूरबीन स्थापित करने के लिए नासा अंतरिक्ष में ओरियन रॉकेट के माध्यम से अंतरिक्ष यात्रियों के एक समूह को अंतरिक्ष में भेजेगा.
एटलास्ट दूरबीन की सुविधाएँ
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एटलास्ट दूरबीन मौजूदा 44 फुट हबल स्पेस टेलीस्कोप की तुलना में करीब चार गुना बड़ा हो जाएगा.
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दूरबीन के अंदर 52 फीट व्यास का दर्पण लगा है जो धरती पर किसी आदमी के द्वारा बनाया गया सबसे
बड़ा दर्पण होगा.
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दूरबीन को 10 लाख मील की दूरी पर स्थापित किया जाएगा.
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दूरबीन के वर्ष 2030 तक तैयार होने की संभावना है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक, दूरबीन के निर्माण
से 60 से अधिक अजीब नए ग्रहों की खोज में खगोलविदों को मदद
मिलेगी.यह अंतरिक्ष में उपस्थित ऑक्सीजन और अन्य गैसों के अनुपात का अध्ययन करेगा
जो अन्य ग्रहों पर जीवन की संभावनाओं को तलाशने में मदद करेगा.
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