वैज्ञानिकों ने कंक्रीट संरचना में दरारों का पता लगाने वाली संवेदनशील सतह प्रौद्योगिकी विकसित की-(29-JUNE-2014) C.A

| Sunday, June 29, 2014
वैज्ञानिकों ने 24 जून 2014 को ऐसी संवेदनशील सतह प्रौद्योगिकी विकसित की है जो कि कंक्रीट संरचनाओं में दरारों का पता लगा सकती हैं. 
उत्तरी कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी और पूर्वी फिनलैंड यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने यह तकनीक विकसित की.
यह प्रौद्योगिकी प्राधिकारियों को नाभिकीय संयंत्रों और पुलों को क्षति के समय त्वरित प्रतिक्रिया करने में सहायता देगा.

यह कंक्रीट संरचनाओं में दरारों का पता कैसे लगाती है
संवेदनशील सतह कंक्रीट संरचना पर अंकित है तथा यह इलेक्ट्रोड पर होती हैं. एक कंप्यूटर प्रोग्राम एक समय में दो इलेक्ट्रोड के मध्य निम्न मात्रा में विद्युत धारा का प्रवाह करता हैं, जो बहुत से संयोजनों के मध्य चक्रित होता हैं. प्रत्येक समय जबकी दो इलेक्ट्रोड के बीच विद्युत धारा का प्रवाह होता हैं एक कंप्यूटर मॉनिटर कंक्रीट संरचनाओं पर सभी इलेक्ट्रोड के विद्युत क्षमता को रिकॉर्ड करता हैं. इन आंकड़ों का संवेदनशील सतह के स्थानिक वितरित विद्युत चालकता की गणना करने के लिए प्रयोग किया जाता हैं. यदि सतह की चालकता कम हो जाती है तो इसका अर्थ है कि संरचना क्षतिग्रस्त है.
संवेदनशील सतह प्रौद्योगिकी के बारें में 
सतह एक विद्युत प्रवाहकीय से किया गया रंग की परत हैं जिसको नई या मौजूदा संरचनाओं पर किया जा सकता है. यह रंग किसी भी विद्युत प्रवाहकीय पदार्थ से किया जा सकता हैं. जो कि त्वचा को कम खर्चीली बनाता हैं. इलेक्ट्रोड संरचना की परिधि के चारों और बनाया जाता हैं.


0 comments:

Post a Comment