केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मुल्लापेरियार बांध की सुरक्षा से संबंधित
मुद्दों पर विचार के लिए तीन सदस्यों की निगरानी समिति गठित करने की मंजूरी प्रदान
की. यह समिति 7 मई 2014 को दिए गए
सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के अनुपालन में गठित की गई. यह निर्णय प्रधानमंत्री
नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में 18 जून 2014 को किया गया. यह प्रस्ताव जल संसाधन
मंत्रालय ने पेश किया था.
तीन सदस्यीय निगरानी समिति की संरचना
तीन सदस्यीय निगरानी समिति का अध्यक्ष केंद्रीय जल आयोग का वरिष्ठ अधिकारी होगा. समिति का एक सदस्य तमिलनाडु से और एक अन्य सदस्य केरल राज्य से होगा.
निगरानी समिति के कार्य
निगरानी समिति जलाशय का पूर्ण स्तर 142 फुट तक बढ़ाना सुनिश्चित करेगी और 100 वर्ष से अधिक पुराने इस बांध की सुरक्षा के पहलू पर विचार करेगी. प्रस्ताव के अनुसार केरल सरकार समिति के लिए कार्यालय की जगह मुहैया कराएगी लेकिन इसकी लागत तमिलनाडु सरकार वहन करेगी.
मुल्लापेरियार बांध
मुल्लापेरियार बांध का निर्माण केरल राज्य में पेरियार नदी पर किया गया है. यह केरल राज्य के पश्चिमी घाट के कारडोमाम हिल्स में इडुक्की जिले में समुद्र तल से 881 मीटर की उंचाई पर स्थित है. इसका निर्माण वर्ष 1887-95 के मध्य ब्रिटिश सरकार द्वारा बनाया गया है. यह केरल और तमिलनाडु राज्य के मध्य विवाद का विषय बना हुआ है.
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