सर्वोच्च न्यायालय के अवकाशकालीन पीठ (वोकेशन बेंच) के प्रमुख न्यायाधीश
न्यायमूर्ति विक्रमजीत सेन ने 16 जून 2014 को अंसल याचिका सुनवाई से खुद को अलग कर लिया. पीठ में न्यायाधीश
न्यायमूर्ति शिव कीर्ति सिंह के साथ जुड़े न्यायाधीश न्यायमूर्ति विक्रमजीत
विक्रमजीत सेन ने कहा कि अब इस मामले की सुनवाई कोई और बेंच करेगी.
अंसल ने अपने आवेदन में सर्वोच्च न्यायालय से व्यापार दौरे के लिए लंदन (16 जून से 20 जून 2014 ) और न्यूयॉर्क (20 जून से 27 जून 2014) जाने की इजाजत मांगी थी. इसके साथ ही उन्होंने भारत वापसी के लिए 28 जून और 29 जून 2014 के लिए भी इजाजत मांगी थी.
रियल स्टेट के कारोबारी गोपाल अंसल और उनके भाई 13 जून 1997 को दिल्ली में उपहार सिनेमाघर में हिन्दी फिल्म बॉर्डर के प्रदर्शन के दौरान लगी आग में 59 लोगों की हुए मौत के लिए दोषी पाए गए हैं.
इससे पहले, 16 मार्च 2014 को उपहार अग्निकांड पीड़ित संघ (एवीयूटी) द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में सुशील अंसल के विदेश दौरे के खिलाफ अपील की थी औऱ न्यायालय ने भी सुशील अंसल के बिना पूर्व मंजूरी लिए देश छोड़ने पर नाराजगी जाहिर की थी. सर्वोच्च न्यायालय ने 5 मार्च 2014 को दिए अपने निर्णय में अंसल बंधुओं की सजा को सही ठहराते हुए कहा था कि उन्हें दर्शकों की सुरक्षा से ज्यादा सिर्फ पैसा बनाने में रुचि रखते थे.
सर्वोच्च न्यायालय की अवकाश कालीन पीठ
सर्वोच्च न्यायालय की अवकाश कालीन पीठ ऐसी पीठ है जो गर्मी की छुट्टियों में सुनवाई करती है.
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