जीएमआर ने मालदीव सरकार के खिलाफ पंचाट पुरस्कार जीता-(21-JUNE-2014) C.A

| Saturday, June 21, 2014
पंचाट ने मालदीव सरकार के उस निर्णय को 19 जून 2014 को अवैध करार दिया, जिसमें मालदीव सरकार ने बुनियादी ढांचे की भारतीय कंपनी, जीएमआर के एयरपोर्ट प्रोजेक्ट अनुबंध को गलत तरीके से खत्म करने निर्णय दिया था.

जीएमआर और मालदीव सरकार के बीच की यह लड़ाई 18 महीने तक चली. इस लड़ाई की शुरुआत राष्ट्रपति मोहम्मद वाहीद नीत सरकार द्वारा 2012 में भूतपूर्व राष्ट्रपति मोहम्मद नाशीद सरकार द्वारा हस्ताक्षर किए गए अनुबंध को निरस्त करने के बाद हुई थी. निरस्त करने के बाद जीएमआर ने मालदीव पर अनुबंध के तहत 1.6 बिलियन डॉलर के मुआवजे का मुकदमा कर दिया था. 

अनुबंध के तहत जीएमआर मालदीव में माले अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा को विकसित और संचालित करने वाला था. मालदीव न्यायाधिकरण ने अपने फैसले में कहा कि सरकार द्वारा अनुबंध को खारिज करना गलत था. न्यायाधिकरण ने अपने फैसले में मालदीव और राज्यस्वामित्व वाले मालदीव के एयरपोर्ट्स कंपनी (एमएसीएल) को आगामी 42 दिनों में जीएमआर को 4 मिलियन डॉलर की कानूनी हर्जाना देने को कहा है. इसके अलावा, जीएमआर ने पिछले एक वर्ष में हवाइअड्डे की बोली लगाने और उसके विकास पर किए गए निवेश खर्च के एवज में 1.4 मिलियन डॉलर के मुआवजे की भी मांग की है. 

जीएमआर समूह 
जीएमआर समूह भारत का तेजी से बढ़ता बुनियादी ढाचा उद्यम है जिसकी रूचि हवाईअड्डों, ऊर्जा, राजमार्गों और शहरी बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में है. इस समूह ने भारत में पब्लिक प्राइवेट पार्टनर्शिप मॉडल के द्वारा बुनियादी ढांचे के कई प्रोजेक्ट्स का सफल कार्यान्वयन किया है.

इसके साथ इसने तुर्की, इंडोनेशिया औऱ नेपाल में बुनियादी सुविधाओं के संचालन वाली संपत्ति और परियोजनाओं के जरिए वैश्विक उपस्थिति भी दर्ज की है.



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