केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने मौसम परियोजना की शुरुआत की-(26-JUNE-2014) C.A

| Thursday, June 26, 2014
केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय ने 20 जून 2014 को दोहा, कतर में हुए विश्व धरोहर समिति के 38वें सत्र में प्रोजेक्ट मौसम का शुभारंभ किया. 
इस प्रोजेक्ट का उद्देश्य बहुआयामी हिंद महासागर की दुनिया का पता लगाने और इसकी सांस्कृतिक, वाणिज्यिक और धार्मिक विविधता पर पुरातात्विक और ऐतिहासिक अनुसंधान करना है. 
यूनेस्को के महानिदेशक ने इस प्रोजेक्ट में बहुत दिलचस्पी दिखाई. इसके अलावा चीन, संयुक्त अरब अमीरात, ईरान, म्यांमार और वियतनाम जैसे अनेक देशों के राजदूतों ने भी इस सांस्कृतिक परियोजना में गहरी रूचि दिखाई. 
इस परियोजना का पहला अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन नई दिल्ली में फरवरी 2015 में आयोजित किया जाएगा. इसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय शोध भागीदार और सहयोगी हिस्सा लेंगें. इस सम्मेलन का थीम होगा ग्रेट सेंटर्स ऑफ लर्निंगः नौलेज सोसायटीज एंड द मेकिंग ऑफ द इंडियन ओसीयन रीजन.
प्रोजेक्ट मौसम
प्रोजेक्ट मौसम का प्रस्ताव सबसे पहले केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के सचिव रवीन्द्र सिंह ने दिया था. यह नोडल समन्वय एजेंसी के रूप में केंद्रीय संस्कृति मंत्रालय के साथ इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए), नई दिल्ली की पहल है. 
इस प्रोजेक्ट का मुख्य उद्देश्य समुद्री सांस्कृतिक मार्गों, समुद्री सांस्कृतिक परिदृश्य और मार्ग पर व्यापक डाटाबेस और यूनेस्को वेब प्लेटफ़र्म बनाना एवं इस थीम के जरिए यूनेस्को की अन्य सांस्कृतिक  परंपराओं को विश्व विरासत सम्मेलन के साथ जोड़ना है. 
प्रोजेक्ट मौसम का प्रयास दो स्तरों पर खुद को स्थापित करना है.
•    बड़े स्तर परप्रोजेक्ट का उद्देश्य हिन्द महासागर की दुनिया के देशों के बीच संचार को फिर से जोड़ना और स्थापित करना है जो सांस्कृतिक मूल्यों और विचारों को समझने में मदद करेंगे.
•    छोटे स्तर परप्रोजेक्ट का फोकस राष्ट्रीय संस्कृतियों को उनके क्षेत्रीय समुद्री परिवेश में समझने पर है.


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