अमेरिका स्थित वर्ल्ड फूड अवॉर्ड संस्था ने भारतीय मूल के अमेरिकी
वैज्ञानिक संजय राजाराम को 19 जून 2014 को ‘वर्ल्ड फूड अवॉर्ड-2014’ (विश्व
खाद्य पुरस्कार-2014) देने की घोषणा की. राजाराम एक वनस्पति
वैज्ञानिक हैं. उन्हें हरित क्रांति के बाद वैश्विक गेहूं उत्पादन में 20 करोड़ टन से अधिक की वृद्धि में योगदान हेतु यह पुरस्कार दिया जाएगा.
पुरस्कार के रूप में उन्हें ढाई लाख अमेरिकी डॉलर (करीब 1.5 करोड़
रुपये) की धनराशि दी जाएगी.
संजय राजाराम ने शीत और वसंत ऋतु की गेहूं की किस्मों का संकर नस्ल
तैयार किया, जो विशिष्ट किस्मों की श्रेणी में आता
है. ये दोनों किस्में पहले एक-दूसरे से अलग थीं. राजाराम ने दोनों से जो किस्म
तैयार की उसमें अधिक पैदावार क्षमता और व्यापक आनुवंशिक आधार है. उनके द्वारा
विकसित 480 से अधिक उच्च उपज वाली गेहूं की संकर किस्में
विश्व के 51 देशों में जारी की गई. जिसे व्यापक तौर पर
किसानों ने अपनाया.
‘वर्ल्ड फूड अवॉर्ड’ से संबंधित मुख्य तथ्य
‘वर्ल्ड फूड अवॉर्ड’ संस्था द्वारा दिए जाने वाले ‘वर्ल्ड फूड अवॉर्ड’ की शुरुआत वर्ष 1986 में अमेरिका में हुई. इसकी शुरुआत नोबेल शांति पुरस्कार विजेता डॉ. नारमन बोरलॉग ने की. वर्तमान में ‘वर्ल्ड फूड अवॉर्ड’ संस्था के अध्यक्ष ‘कैनेथ एम क्वीन’ हैं.
‘वर्ल्ड फूड अवॉर्ड’ से संबंधित मुख्य तथ्य
‘वर्ल्ड फूड अवॉर्ड’ संस्था द्वारा दिए जाने वाले ‘वर्ल्ड फूड अवॉर्ड’ की शुरुआत वर्ष 1986 में अमेरिका में हुई. इसकी शुरुआत नोबेल शांति पुरस्कार विजेता डॉ. नारमन बोरलॉग ने की. वर्तमान में ‘वर्ल्ड फूड अवॉर्ड’ संस्था के अध्यक्ष ‘कैनेथ एम क्वीन’ हैं.
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