कर प्रशासन पर बने शोम पैनल ने वित्त मंत्रालय को अपनी रिपोर्ट सौंपी-(21-JUNE-2014) C.A

| Saturday, June 21, 2014
पार्थसारथी शोम की अध्यक्षता वाले कर प्रशासन सुधार आयोग (टीएआरसी) ने अपनी रिपोर्ट केंद्रीय वित्त मंत्रालय को 15 जून 2014 को सौंप दी. शोम पैनल ने अन्य सिफारिशों के साथ राजस्व सचिव के पद को खत्म करने और सीबीडीटी एवं सीबीईसी के विलय की सिफारिश भी की है.

शोम पैनल की सिफारिशों के मुख्य बिंदु 
समयबद्ध कर वापसी के लिए अलग से बजट आवंटन और स्रोत पर कर कटौती (टैक्स डिडक्शन एट सोर्सटीडीएस) के लिए पासबुक योजना की सिफारिश. 
कर कानूनों के लिए पूर्वव्यापी संशोधन से बचा जाना चाहिए क्योंकि मूल और आय कर रिटर्न में संपत्ति कर का विवरण शामिल होना चाहिए.
राजस्व विभाग के वर्तमान कार्य दो बोर्डों (सीबीडीटी औऱ सीबीईसी) को आवंटित किया जाना चाहिए. इससे कर विभागों को अपने जिम्मेदारियों को प्रभावी तरीके से निभाने में मदद मिलेगी.
दो बोर्ड (सीबीडीटी औऱ सीबीईसी) को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष करों के आम बोर्ड जिसे केंद्रीय प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर बोर्ड कहते हैं के साथ आम एकीकृत प्रबंधन संरचना की तरफ बढ़ना चाहिए. दोनों बोर्डों की इस चयनात्मक एकरूपता से आने वाले पांच वर्षों में तत्काल बेहर प्रशासन हासिल करने में मदद मिलेगी.
कर प्रशासन, जवाबदेही को बढावा देने, कर नीतियों के प्रभाव के मूल्यांकन औऱ कर प्रशासन को प्रभावित करने वाले सभी कारकों के आकलन के लिए एक स्वतंत्र मूल्यांकन कार्यालय की स्थापना की जानी चाहिए.
कर प्रशासन को कार्यात्मक और वित्तीय स्वायत्तता के साथ सरकारी संरचनाओँ से स्वतंत्र होना चाहिए.
राजस्व अधिकारी, जो एक आईएएस अधिकारी होता है, को राष्ट्रीय स्तर पर कर प्रशासन के बारे में कम जानकारी होती है और उसे कर संबंधित जानकारी रखनी चाहिए. इसलिए, इस पद को समाप्त कर दिया जाना ही ठीक होगा.
स्थायी खाता संख्या (पैन) को आम व्यापार पहचान संख्या (सीबीआईएन) के रूप में विकसित किया जाना चाहिए. इसे सीमा शुल्क, केंद्रीय उत्पाद शुल्क, सेवा कर, डीजीएफटी और ईपीएफओ जैसे अन्य सरकारी विभागों द्वारा भी इस्तेमाल किया जाना चाहिए.
केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सेवा कर दोनों ही एक ही पंजीकरण के अंतर्गत कवर किए जाने चाहिए क्योंकि दोनों कर एक ही विभाग द्वारा प्रशासित होते हैं औऱ केंद्रीय उत्पाद शुल्क और सेवा कर के बीच सीईएनवीएटी क्रेडिट नियमों के तहत क्रेडिट के क्रॉस यूटिलाइजेशन की इजाजत दी जानी चाहिए. यह पंजीकरण को रद्द करने, पंजीकरण संख्या औऱ पैन को निरस्त या वापस करने के लिए भी आवश्यक है.
प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों ही करों के लिए आम कर नीति, विश्लेषण औऱ कानून बनाने के लिए वित्त मंत्रालय के मुख्य आर्थिक सलाहकार के नेतृत्व में एक कर परिषद की स्थापना की जाए. 
प्रत्येक नियम, विनियम और अन्य कर नीति उपायों जैसे छूट की समकालीन सामाजिकआर्थिक परिप्रेक्ष्य में उसकी प्रासंगिकता और बदलती जरूरतों को पूरा कर रहे हैं या नहीं, इसके लिए समयसमय पर समीक्षा की जानी चाहिए.
कर प्रशासन के बजट का न्यूनतम दस फीसदी करदाता सेवाओं पर खर्च किया जाना चाहिए. बजट का कमसेकम दस फीसदी संचार प्रौद्योगिकी आधारित करदाता सेवाओ के लिए आवंटित और खर्च किया जाना चाहिए. इसमें सभी करदाताओं के लिए प्रीफाइल्ड टैक्स रिटर्न की सुविधा की भी सिफारिश की गई है.


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