रूस के उप प्रधानमंत्री दिमित्री ओ रोगोजिन ने भारत की दो
दिवसीय यात्रा की. वह 18 जून से 19 जून 2014 तक भारत की यात्रा पर थे. इस यात्रा के
दौरान दिमित्री ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से
मुलाकात की. बैठक में बातचीत के दौरान आपसी हित के द्विपक्षीय और अंतरराष्ट्रीय
मसलों पर चर्चा की गई.
यात्रा में महत्वपूर्ण बिंदु शामिल
थे-
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दोनों देशों का हाइड्रोकार्बन, फार्मास्यूटिकल्स, कोयले और बुनियादी ढांचे के
क्षेत्र में उनके सहयोग का फैसला किया गया.
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द्विपक्षीय व्यापार को वर्तमान में
दस अरब डॉलर से उपर बढ़ाने का फैसला किया गया.
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दोनों नेताओं रोगोजिन और स्वराज की
बैठक में आर्थिक और वाणिज्यिक सहयोग के मामले में दोनों देशों के बीच अप्रयुक्त
क्षमता में सुधार लाने पर ध्यान केंद्रित किया गया.
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स्वराज और रोगोजिन ने परमाणु ऊर्जा
के क्षेत्र में सहयोग पर चर्चा की, विशेष रूप से
कुड़नकुलम नाभिकीय ऊर्जा संयंत्र की यूनिट 3 और 4 से संबंधित मुद्दों के समझौते पर हस्ताक्षर किए
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भारत ने सितंबर 2014 में मास्को में एक व्यापार शो प्रस्तावित किया गया.
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रोगोजिन के साथ बैठक
के दौरान रूस को भारत का विश्वसनीय मित्र और कठिन समय में भारत के साथ खड़े रहने
वाले मित्र देश के रुप में वर्णन किया और भारत की रक्षा क्षमताओं के निर्माण में
एक प्रमुख भागीदार है. वह राष्ट्रपति पुतिन के साथ एक ठोस और आगे की शिखर बैठक का
इंतजार कर रहें हैं.
मई 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण करने के बाद रूस से यह पहली उच्चस्तरीय यात्रा थी.
मई 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री का पद ग्रहण करने के बाद रूस से यह पहली उच्चस्तरीय यात्रा थी.
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