व्यापार और विकास पर हुए संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन (यूएनसीटीएडी) ने 24 जून 2014 को विश्व निवेश रिपोर्ट 2014 जारी की. रिपोर्ट से उत्साहजनक प्रवृति का पता चलता हैः 2012 में गिरावट के बाद, 2013 में वैश्विक विदेशी
प्रत्यक्ष निवेश (एफडीआई) में 9 फीसदी की बढ़ोतरी हुई जिसके
आने वाले वर्षों में जारी रहने की उम्मीद है.
रिपोर्ट की मुख्य बातें
• 2012 की मंदी के बाद
वैश्विक एफडीआई में बढ़ोत्तरी और 1.45 ट्रिलियन डॉलर के साथ
निवेश में 9 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई.
• एफडीआई प्रवाह वाली
यूएनसीटीएडी परियोजनाएं 2014 में बढ़कर 1.6 ट्रिलियन डॉलर, 2015 में 1.7 ट्रिलियन
डॉलर और 2016 में 1.8 ट्रिलियन डॉलर हो
सकता है जिसमें विकसित देशों में अपेक्षाकृत अधिक बढ़ोतरी संभव है.
• विकसित देशों में
एफडीआई प्रवाह 9 फीसदी बढ़कर 566 अबर
डॉलर हुआ है जो वैश्विक प्रवाह का 39 फीसदी है.
• विकासशील
अर्थव्यवस्थाओं में एफडीआई प्रवाह 778 अरब डॉलर या कुल का 54
फीसदी के साथ रिकॉर्ड नई उंचाई पर पहुंच गया.
• 108 अरब डॉलर का
बैलेंस संक्रमण अर्थव्यवस्थाओं में चला गया.
• एफडीआई प्रवाह के
शीर्ष 20 रैंक में से आधा पर विकासशील और संक्रमण
अर्थव्यव्सथाएं हैं.
• 2000 के दशक की शुरुआत
में 12 फीसदी की तुलना में विकासशील और संक्रमण
अर्थव्यवस्थाएं मिलकर वैश्विक एफडीआई के प्रवाह का 553 अरब
डॉलर या 39 फीसदी निवेश किया है.
• बड़े– क्षेत्रीय समूहों ने वैश्विक एफडीआई को आकार दिया है. तीन मुख्य क्षेत्रीय
समूह जो फिलहाल बातचीत के तहत हैं (टीपीपी, टीटीआईपी,
आरसीईपी), में से प्रत्येक एफडीआई प्रवाह के
एक चौथाई या उससे अधिक की हिस्सेदारी रखते हैं. टीटीआईपी प्रवाह में गिरावट आई है
जबकि अन्य में बढ़ोतरी दर्ज की गई है.
• एशिया प्रशांत आर्थिक
सहयोग (एपेक) 54 फीसदी वैश्विक प्रवाह के साथ सबसे बड़ा
क्षेत्रीय आर्थिक सहयोग समूह बना हुआ है.
• सबसे गरीब देश
निष्कर्षण उद्योग निवेश पर बहुत कम निर्भर हैं. पिछले दशक के दौरान, ग्रीनफील्ड परियोजनाओं में निष्कर्षण उद्योग की हिस्सेदारी अफ्रीका में 26
फीसदी और एलडीसी में 36 फीसदी थी.
• अफ्रीका और एलडीसी
दोनों ही में घोषित परियोजनाओं का करीब 90 फीसदी विनिर्माण
और सेवा क्षेत्र के अधीन है.
• प्राइवेट इक्विटी
एफडीआई कार्रवाई करने को तैयार है. प्राइवेट इक्विटी फर्म्स की बकाया धनराशि 1
ट्रिलियन डॉलर के रिकॉर्ड स्तर तक बढ़ गया है. सीमा पार का यह निवेश
11 फीसदी की गिरावट के साथ 171 अरब
डॉलर हो गया था. ये सीमा पार विलय और अधिग्रहण (एमएंडए) का 21 फीसदी का जिम्मेदार है.
• देश– स्वामित्व वाली टीएनसी एफडीआई दिग्गज हैं. यूएनसीटीएडी का अनुमान है कि
विकसित और विकासशील दोनों ही देशों से कम– से– कम देश– स्वामित्व वाले 550 टीएनसी
हैं जिनके पास 15000 से अधिक विदेशी सहयोगी कंपनियां और 2
ट्रिलयन डॉलर से अधिक की विदेशी पूंजी है. इन टीएनसी ने 2013
में 160 अरब डॉलर से अधिक का एफडीआई किया था.
• देश– स्वामित्व वाले टीएनसी द्वारा एफडीआई हालांकि विश्व के टीएनसी का एक फीसदी
भी नहीं है लेकिन वैश्विक एफडीआई प्रवाह में इनका योगदान 11 फीसदी
का है.
भारत और विश्व निवेश रिपोर्ट 2014
भारत और विश्व निवेश रिपोर्ट 2014
• बहुराष्ट्रीय निगमों
द्वारा निवेश के लिए सबसे पसंदीदा जगहों की सूची में भारत फिसलकर चौथे स्थान पर आ
गया है.
• दूसरी तरफ विश्व के
सबसे आकर्षक निवेश स्थान के तौर पर चीन ने अपनी जगह बनाई हुई है. दूसरे स्थान पर
अमेरिका और तीसरे स्थान पर इंडोनेशिया है.
• 2013 में भारत
बहुराष्ट्रीय निगमों द्वारा विश्व का तीसरा सबसे आकर्षक निवेश स्थान घोषित किया
गया था. 2005, 2006, 2007, 2008 और 2010 में भारत इस सूची में दूसरे स्थान पर था.
• 2013 में भारत में
प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में 17 फीसदी का इजाफा हुआ और यह 28
अरब डॉलर पर पहुंच गया.
• 2013 में अधिकतम
एफडीआई हासिल करने वाले विश्व के शीर्ष 20 वैश्विक
अर्थव्यवस्थाओं की सूची में भारत का स्थान 14वां था.
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