केंद्र सरकार ने ईआईएल और एनबीसीसी को नवरत्न का दर्जा दिया-(28-JUNE-2014) C.A

| Saturday, June 28, 2014
केंद्र सरकार ने 24 जून 2014 को इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड (ईआईएल) और राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम (एनबीसीसी) को नवरत्न का दर्जा दे दिया. 
भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्रालय के अधीन सार्वजनिक उपक्रम विभाग ने वित्तीय और संचालन स्वायत्ता बढ़ाने के लिए नवरत्न का दर्जा दिया.
दो केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र को नवरत्न का दर्जा दिए जाने से कंपनियां संयुक्त उपक्रमों या प्रमुख निवेश से संबंधित परियोजनाओं पर निर्णय लेने में अधिक छूट मिल सकेगी.

इंजीनियर्स इंडिया लिमिटेड के बारे 
ईआईएल भारत की प्रमुख इंजीनियरिंग परामर्शदाता कंपनी के तौर पर उभरी है. ईपीसी क्षेत्र के पास तेल एवं गैस, पेट्रोकेमिकल्स, खनन और धातु विज्ञान, उर्वरक, बिजली और बुनियादी ढांचा क्षेत्र जैसे विविध पोर्टफोलियो की परियोजनाएं हैं. 
राष्ट्रीय भवन निर्माण निगम के बारे में
एनबीसीसी भारत और विदेश में विविध प्रकृति, जटिलताओं और सामाजिकराजनीतिक भौगोलिक स्थानों पर सिविल इंजीनियरिंग निर्माण सेवाएं प्रदान करता है. एनबीसीसी बुनियादी ढांचा के क्षेत्र में भी सक्रिय रहा है जिसमें इसने चिमनी, कूलिंग टावर और विभिन्न प्रकार के बिजली संयंत्रों से जुड़े कार्यों वाली परियोजनाओं का कार्यान्वयन किया है.
 
नवरत्न का दर्जा पाने के लिए मानदंड 
वैसे केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (सीपीएसई) जो निम्नलिखित मानदंडों को पूरा करते हैं, उन्हें नवरत्न का दर्जा देने के बारे में विचार किया जाता है
•    अनुसूची A और मिनिरत्न श्रेणी–1 का दर्जा हो. 
•    पिछले पांच वर्षों में कमसेकम तीन उत्कृष्ट या बहुत अच्छा समझौता ज्ञापन मूल्यांकन (मेमोरैंडम ऑफ अंडरस्टैंडिंगएमओयू). 
•    पिछले तीन वर्षों के अपने प्रदर्शन के आधार पर 100 अंकों में से 60 या इससे अधिक अंक जो कि निम्नलिखित छह दक्षता मानकों पर मिले होंनेट वर्थ पर शुद्ध लाभ, उत्पादन और सेवा पर मानव श्रम लागत, नियोजित पूंजी के रूप में सकल मार्जिन, टर्नओवर के रूप में सकल लाभ, प्रति शेयर आय और नेट वर्थ पर शुद्ध लाभ पर आधारित अंतरक्षेत्रीय तुलना.



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