आईओडी–इंडियन
ओशियन डाइपोल
हाल के समय में आईओडी सुर्खियों में इसलिए आया क्योंकि
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग ने जून 2014 में
जारी रिलीज में संभावना जताई है कि अल नीनो इस बार भारतीय मौसम को 70 फीसदी तक प्रभावित कर सकता है. इसकी वजह से इस वर्ष भारतीय मानसून के
दौरान सामान्य से कम बारिश (सब–नार्मल) होगी.
आईओडी को भारतीय नीनो के नाम से भी जाना जाता है. आईओडी को दो क्षेत्रों–अरब सागर का पश्चिमी ध्रुव और दूसरा दक्षिण इंडोनेशिया स्थित पूर्वी हिन्द महासागर का पूर्वी ध्रुव के बीच समुद्र के सतह के तापमान के अंतर के तौर पर परिभाषित किया जा सकता है.
आईओडी को भारतीय नीनो के नाम से भी जाना जाता है. आईओडी को दो क्षेत्रों–अरब सागर का पश्चिमी ध्रुव और दूसरा दक्षिण इंडोनेशिया स्थित पूर्वी हिन्द महासागर का पूर्वी ध्रुव के बीच समुद्र के सतह के तापमान के अंतर के तौर पर परिभाषित किया जा सकता है.
आईओडी ऑस्ट्रेलिया और हिन्द महासागर बेसिन से घिरे अन्य देशों को
प्रभावित करता है और इसकी वजह से इन इलाकों में बारिश के पैटर्न में महत्वपूर्ण
बदलाव देखा जाता है. सकारात्मक आईओडी के दौरान, भूमध्य
हिंद महासागर के इंडोनेशिया में सुमात्रा सामान्य की अपेक्षा बहुत ठंडा हो जाता है
जबकि अफ्रीकी तट के पास समुद्र के पश्चिमी उष्णकटिबंधीय हिस्सा असामान्य रूप से
गर्म हो जाता है. ऐसी घटना मौनसून के लिए फायदेमंद होती है. दूसरी तरफ, नकारात्मक आईओडी में पूर्वी भूमध्य हिंद महासागर का तापमान गर्म हो जाता
है जबकि पश्चिमी उष्णकटिबंधीय समुद्र ठंडा हो जाता है जिससे मानसून बाधित होता है.
1 comments:
nice post
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