भारतीय मूल की छात्रा प्रेरणा पाई के दो प्रयोगों को नासा ने क्यूब्स
इन स्पेस (सीआईएस) प्रोग्राम के तहत अंतरिक्ष में भेजने की मंजूरी दी. ग्यारह
वर्षीय प्रेरणा पाई सातवीं कक्षा की छात्रा हैं. वह संयुक्त अरब अमीरात के शारजाह
में रहती हैं. उन्होंने सीआईएस प्रोग्राम के तहत दो प्रयोग – टू स्टिक और नॉट टू स्टिक एवं टाइम एंड प्रेशर, प्रस्तुत
किया था.
पहला प्रयोग, वायुमंडलीय दबाव की अनुपस्थिति में
अंतरिक्ष में विभिन्न चिपकने वाली वस्तुओँ के व्यवहार करने की संभावना के बारे में
है, जबकि दूसरे प्रयोग में, दो छोटे
बोतल – जिनमें से एक बोतल प्लास्टिक की है औऱ दूसरी कांच की
है, ये बोतलें मिट्टी के कॉर्क से बंद की गई है और एक क्यूब
में रखी है.
ये दोनों प्रयोगात्मक अंतरिक्ष उपकरण चुने गए 100
प्रयोगों में से है जिसे 26 जून 2014 को एजेंसी के वैलोप्स फ्लाइट सुविधा के साउंडिंग रॉकेट के जरिए अंतरिक्ष
में भेजा जाएगा.
चुने गए 100 प्रयोगों
में से 75 प्रयोग अमेरिकी छात्रों के और बाकी के 25 प्रयोग बाकी दुनिया के छात्रों के हैं.
सीआईएस प्रोग्राम के बारे
में
सीआईएस स्कूल छात्रों को एसटीईएम प्रयोगों को अंतरिक्ष
में प्रक्षेपित कैसे किया जाता है, यह
सिखाने वाली एक अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक प्रोग्राम है.
एसटीईएम विज्ञान, प्रौद्योगिकी,
इंजीनियरिंग और गणित विषयों को दर्शाता है.
नेशनल एयरोनॉटिक्स एंड स्पेस एडमिनिस्ट्रेशन (नासा) ने
अपना सीआईएस प्रोग्राम रूबिक लर्निंग इनिशिएटिव, आईडूडल
सॉफ्टवेयर और कोलोराडो स्पेस ग्रांट कंसोर्टियम के रॉकसैट– सी
प्रोग्राम के साथ मिलकर मई 2014 में शुरु किया था.
प्रोग्राम ने दुनिया के कोने–कोने के 11 – से 14 वर्ष के
छात्रों को प्रायोगिक अंतरिक्ष उपकरण (प्लेलॉड्स) को आमंत्रित किया था.
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