दुनिया का सबसे मजबूत सिंथेटिक हीरा बनाने की घोषणा-(24-JUNE-2014) C.A

| Tuesday, June 24, 2014
चीन स्थित यानशान विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने 22 जून 2014 को दुनिया का सबसे मजबूत सिंथेटिक हीरा बनाने की घोषणा की. यानशान विश्वविद्यालय के वैज्ञानिक योंगजुग तिआनएवं क्वान हुआंगने संयुक्त रूप से इस हीरे को बनाया. यह हीरा प्राकृति हीरे से अधिक मजबूत है.
सिंथेटिक हीरे को बनाने में प्याज की तरह के परतों वाले कार्बन के छोटे कणों का इस्तेमाल किया गया. इन कणों को उच्च तापमान व उच्च दबाव में रखा गया, इससे इन सिंथेटिक हीरे को ऐसी अद्वितीय संरचना प्राप्त हुई, जिससे वे अधिक से अधिक तापमान का सामना करने में सक्षम हैं. वहीँ प्राकृतिक हीरे अधिक तापमान में कार्बन डाई ऑक्साइड और मोनोक्साइड में परिवर्तित हो जाते हैं और अपने कई गुण खो देते हैं.

हीरा से संबंधित मुख्य तथ्य
हीरा रासायनिक रूप से कार्बन का शुद्धतम रूप है, जो दुनिया का एक बहुमूल्य रत्नहै. हीरे में प्रत्येक कार्बन परमाणु चार अन्य कार्बन परमाणुओं के साथ सह-संयोजी बंध द्वारा आपस में जुड़ा होता है. कार्बन परमाणुओं के बाहरी कक्ष में उपस्थित सभी चारों इलेक्ट्रान सह-संयोजी बंध में भाग ले लेते हैं तथा एक भी इलेक्ट्रान स्वतंत्र नहीं होता है. इसलिए हीरा ऊष्मा तथा विद्युत का कुचालन होता है. हीरा में सभी कार्बन परमाणु बहुत ही शक्तिशाली सह-संयोजी बंध द्वारा जुड़े होते हैं, इसलिए यह बहुत कठोर होता है. हीरा प्राक्रतिक पदार्थो में सबसे कठोर पदा‍र्थ है. इसकी कठोरता के कारण इसका प्रयोग कई उद्योगों तथा आभूषणों में किया जाता है. शुद्ध हीरा सफेद होता है वहीं अशुद्धि युक्त हीरा का रंग नीला, लाल, संतरा, पीला, हरा व काला होता है. हरा हीरा सबसे दुर्लभ होता है. हीरे को यदि ओवन में 763 डिग्री सेल्सियस पर गर्म किया जाये, तो यह जलकर कार्बन डाइ-आक्साइड बन जाता है तथा कुछ भी अवशेष नहीं बचता.
हीरा रासायनिक तौर पर निष्क्रिय होता है एव सभी घोलकों में अघुलनशील होता है. इसका आपेक्षिक घनत्व 3.51 होता है. अत्यधिक कठोर होने के कारण हीरे का उपयोग काँच काटने तथा चट्टानों में छिद्र करने हेतु किया जाता है.



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