मध्य प्रदेश सरकार ने 17 जून 2014
को नर्मदा-मालवा-गंभीर लिंक परियोजना (NMGLP) को
मंजूरी दी. भोपाल में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में नर्मदा
नियंत्रण मंडल की बैठक में परियोजना के कार्यान्वयन को मंजूरी दी.
इसके अलावा, 2143 करोड़ रुपए की राशि एनएलएमजीपी (NLMGP) की नदी जोड़ो परियोजना के लिए स्वीकृत की गई.
यह परियोजना मध्य प्रदेश के इंदौर और उज्जैन जिलों में 158 गांवों को सिंचाई सुविधा प्रदान करेगा. यह देश की 50 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा प्रदान करेगी.
इसके अलावा, एनएलएमजीपी (NMGLP) के तहत, किसी भी बांध के निर्माण और किसी भी पुनर्वास और पुनःस्थापन की कोई जरूरत नहीं होगी. नर्मदा का पानी 416 मीटर की ऊंचाई तक उपर उठाया जाएगा.
इसके अलावा, 2143 करोड़ रुपए की राशि एनएलएमजीपी (NLMGP) की नदी जोड़ो परियोजना के लिए स्वीकृत की गई.
यह परियोजना मध्य प्रदेश के इंदौर और उज्जैन जिलों में 158 गांवों को सिंचाई सुविधा प्रदान करेगा. यह देश की 50 हजार हेक्टेयर भूमि को सिंचाई की सुविधा प्रदान करेगी.
इसके अलावा, एनएलएमजीपी (NMGLP) के तहत, किसी भी बांध के निर्माण और किसी भी पुनर्वास और पुनःस्थापन की कोई जरूरत नहीं होगी. नर्मदा का पानी 416 मीटर की ऊंचाई तक उपर उठाया जाएगा.
परियोजना को मालवा क्षेत्र में भूजल स्तर और पीने के पानी की कमी की
गिरावट को कम करने के लिए प्रस्तावित किया गया. परियोजना से उपलब्ध कुल जल के बाहर, 12.5
क्यूसेक पानी सिंचाई के लिए इस्तेमाल किया जाएगा, 1.5 क्यूसेक पानी पीने के लिए और 1 क्यूसेक उद्योगों के
लिए इस्तेमाल किया जाएगा.
इस परियोजना से पहले, नर्मदा-क्षिप्रा लिंक परियोजना को 425 करोड़ रूपये की कुल लागत पर सफलतापूर्वक लागू किया गया जो गांवों और शहरों को सिंचाई से अलग पानी उपलब्ध कराने के लिए किया जा रहा है.
उज्जैन में गंभीर जलाशय नागरिकों के लिए पीने के पानी का मुख्य स्रोत है.
इस परियोजना से पहले, नर्मदा-क्षिप्रा लिंक परियोजना को 425 करोड़ रूपये की कुल लागत पर सफलतापूर्वक लागू किया गया जो गांवों और शहरों को सिंचाई से अलग पानी उपलब्ध कराने के लिए किया जा रहा है.
उज्जैन में गंभीर जलाशय नागरिकों के लिए पीने के पानी का मुख्य स्रोत है.
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